बिहार में कुछ ही दिनों में नया अपराध नियंत्रण क़ानून लागू होने जा रहा है। इसके अंतर्गत अब डीएम से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक की ताकत बढ़ने वाली है। डीएम अब किसी अपराधी पर कार्रवाई करते हुए उसे राज्य से बाहर निकालने का आदेश भी जारी कर सकेंगे। साथ हीं इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी अब बिना किसी वारंट के किसी भी अपराधी की तलाशी ले सकेंगे। आम आदमी को भी अब अपने निजी सीसीटीवी (यदि हो तो) में 30 दिनों का वीडियो सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। इस कानून पर मुहर लगाने के लिए सरकार बिहार विधानसभा में बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 गुरुवार को पेश करने जा रही है। इस क़ानून को लेकर सरकार चूंकि बहुमत में है, अतः इसे पारित होने में व्यवधान की कोई सम्भावना नहीं दिख रही।
इस कानून के जरिए भूमि, बालू, शराब की तस्करी, मानव-तस्करी, देह व्यापार, छेड़खानी, दंगा फैलाने और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने समेत अन्य अपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों पर शिकंजा कसना अब आसान हो सकेगा। जिधाधिकारी से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के सारे पुलिस कर्मियों को बिहार सरकार असीमित शक्ति प्रदान करने जा रही है। इतना ही नहीं जिधाधिकारी द्वारा जारी वारंट बिहार समेत पूरे देश पर भी लागू होगा। जिधाधिकारी को अब तलाशी और जब्ती का अधिकार होगा।
बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 में यह प्रावधन किया गया है कि जिलाधिकारी के पास वारंट जारी, गिरफ्तार कर जेल भेजने और बेल देने का भी अधिकार होगा। इस नए कानूनी प्रावधान के तहत अब उनके पास छह माह तक जिला और राज्य से किसी भी अपराधी को तड़ीपार करने तक का अधिकार होगा। हालांकि, जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील भी की जा सकेगी।
बिहार पुलिस अब किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर पाएगी। उसे कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे हिरासत में रखा जा सकता है। हिरासत की अवधि तीन माह से अधिक की नहीं होगी। बिहार पुलिस को इन सारी बातों की सूचना लिखित में जिलाधिकारी को देनी होगी।