1 जुलाई से देश भर में नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं इस अवसर पर 1 जुलाई को राज्य के सभी थानों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें संबंधित थाना अध्यक्षों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी जाएगी। थाना में पदस्थापित महिला पुरुष पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित नागरिकों को विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों के बारे में अवगत कराया जाएगा। इस अवसर पर बिहार पुलिस के द्वारा नए आपराधिक कानून के अंतर्गत किए गए बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका उपलब्ध कराया गया है, जिसे थाना अध्यक्ष के द्वारा आमंत्रित नागरिकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा, इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।
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25 हजार पुलिस को दिया गया प्रशिक्षण
पिछले माह जून में राज्य के लगभग 25 हजार पुलिस पदाधिकारी को नए अपराधी कानून, विधि विज्ञान एवं digital policing में प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का शुभारंभ पांच चरणों में 10 जून को ज्ञान भवन पटना में पुलिस महानिदेशक बिहार के संबोधन से प्रारंभ हुआ, जिसमें पीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण पुलिस पदाधिकारी से लेकर सभी स्तर के वरीय पदाधिकारी भाग लिए।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों को तीन नए अपराधिक कानून क्रमश: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की विस्तृत जानकारी दी गई। इसमें पुराने कानून से नए कानून में हुए बदलाव, कानून के मुख्य विशेषताएं, जोड़े एवं हटाये गये, महत्वपूर्ण धाराओं और पुराने कानून और नए कानून के धाराओं का तुलनात्मक चार्ट दिया गया है। इसके अलावा अनुसंधानकर्ता के सहयोग के लिए इसमें अनुसंधान से संबंधित विशेष पहलुओं की अलग से चर्चा की गई है। उक्त प्रशिक्षण सामग्री अनुसंधानकर्ता को नये कानून को समझने, लागू करने में उपयोगी होगी। प्रशिक्षण के दौरान गंभीर अपराध की घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्यप संकलन करने, घटनास्थल की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी हेतु विधि-विज्ञान विशेषज्ञों द्वारा पुलिस पदाधिकारी को जानकारी दी गई। इसके अलावा अपराध में मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, इंटरनेट आदि के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संग्रह कर न्यायालय में पेश करने की मानक संचालन प्रक्रिया को प्रशिक्षण दिया गया।
बिहार के नागरिकों को पुलिसिंग की मिलन वाली सेवायें-
शीघ्र हीं CCTNS सुविधा राज्य के प्रत्येक थाना में उपलब्ध रहेगी, जिसके माध्यम से विभिन्न नागरिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। वर्तमान में एस.सी.आर.बी. के वेबसाइट पर https://scrb.bihar.gov.in/ पर एफ.आई.आर. डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है। शीघ्र ही अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जैसे-
गुम हो गए संपत्ति की रिपोर्ट
लापता व्यक्ति की रिपोर्ट
घरेलू सहायक का पूर्व चरित्र सत्यापन
ड्राइवर का पूर्ण चरित्र सत्यापन
वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण किराएदार का पूर्ण चरित्र सत्यापन
बिहार पुलिस के वेबसाइट में भी किया गया है बदलाव
नए अपराधिक कानून में किए गए बदलाव के अनुरूप ही बिहार पुलिस की वेबसाइट https;//police.bihar.gov.in/ में भी बदलाव किया गया है वेबसाइट पर तीन अपराधी कानून हिंदी और अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध है। वेबसाइट के होम पेज पर नये आपराधिक कानून का आइकन बना हुआ है। जिसे क्लिक करने पर तीनों नए अपराधिक कानून से जुड़ी जानकारी मिलेगी। साथ ही शिकायत एवं सुझाव के लिए भी एक आइकॉन बना हुआ है, जिसमें राज्य के सभी स्थानों के नंबर एवं ईमेल आईडी की जानकारी दी गई है। थानों के ईमेल आईडी के माध्यम से संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है
वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन एवं डिजिटल पुलिसिंग-
प्रत्येक जिले में मोबाइल फॉरेंसिक साइंस यूनिट की व्यवस्था की गई है तथा विधि विज्ञान विशेषज्ञों की प्रति नियुक्ति की गई है। अब गंभीर घटना में फॉरेंसिक यूनिट विशेषज्ञों एवं उपकरणों के साथ घटना स्तर पर पहुंच कर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, फिंगरप्रिंट एवं अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करेंगे, जिससे न्याय व्यवस्था मजबूत होगी और दोषियों को सजा मिल सकेगी, इस बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर भी रोक लगेगी।