बिहार में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। बिजली वितरण कंपनियों ने राज्य के विभिन्न जिलों में 95 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सात नए पावर सबस्टेशनों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनके निर्माण से न केवल बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा बल्कि बिजली कटौती की समस्या भी कम होगी।
कहां-कहां बनेंगे नए सबस्टेशन?
ये नए सबस्टेशन पटना के आशियाना नगर, खगौल और दानापुर के साथ-साथ कटिहार, गया और लखीसराय जिलों में बनाए जाएंगे। पटना में ही कर्पूरी सदन और चंद्रविहार कॉलोनी के पास, खगौल के कोथमा एवं दानापुर के गोला रोड टी प्वाइंट के पास जीआईएस आधारित पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा लखीसराय के हलसी प्रखंड स्थित तरहारी गांव और मानपुर (गया) के फतेहपुर प्रखंड स्थित गुरपा गांव में भी नए पावर सबस्टेशन बनाए जाएंगे।
क्यों जरूरी हैं ये नए सबस्टेशन?
- लो वोल्टेज और ब्रेकडाउन की समस्या: कटिहार में प्राणपुर प्रखंड में बनने वाले नए सबस्टेशन से आसपास के क्षेत्रों में लो वोल्टेज और ब्रेकडाउन की समस्या कम होगी।
- ओवरलोडेड सबस्टेशनों का भार कम होगा: नए सबस्टेशनों के बनने से मौजूदा सबस्टेशनों पर भार कम होगा और बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी।
- 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली: इन सबस्टेशनों के निर्माण से लोगों को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सकेगी।
- सोलर ऊर्जा का बेहतर उपयोग: लखीसराय में बन रहे सोलर पावर प्लांट से उत्पन्न ऊर्जा को ग्रिड में जोड़ने के लिए नए ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जा रहा है।
सरकार की प्रतिबद्धता:
राज्य सरकार बिजली क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन नए सबस्टेशनों के निर्माण से राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी सुधार होगा और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।