बिहार सरकार ने राज्य के स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए एक नई पहल शुरू की है. अब से स्कूलों के विकास के सभी कार्य जिला स्तर पर ही निर्धारित किए जाएंगे. इस निर्णय से स्कूलों के विकास में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर आवश्यकताओं के अनुसार काम किए जा सकेंगे. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि सभी जिलों में एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो स्कूलों के विकास के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तय करेगी. इस कमेटी में जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे.
इस योजना के तहत स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत, पेयजल की सुविधा, रसोई घर का निर्माण, विद्युतीकरण, बेंच-डेस्क की सुविधा, बृहद मरम्मति, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय और प्रयोगशाला के लिए आवश्यक सामग्री आदि का निर्माण कराया जाएगा. इसके अलावा, स्कूलों के भवन और चारदीवारी का निर्माण भी किया जाएगा. इस योजना की सबसे खास बात यह है कि अब स्कूलों का रंग भी बदलेगा. प्रारंभिक विद्यालयों का रंग गुलाबी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों का रंग ग्रे होगा. इससे स्कूलों की पहचान आसानी से हो सकेगी.
इस योजना की प्रमुख विशेषताएं
- जिला स्तरीय समिति: प्रत्येक जिले में एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति स्कूलों के विकास के लिए प्राथमिकताएं तय करेगी।
- स्कूलों का रंगरूप बदलेगा: प्रारंभिक विद्यालयों को गुलाबी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को ग्रे रंग से रंगा जाएगा। इससे स्कूलों की पहचान आसानी से हो सकेगी।
- बुनियादी सुविधाओं का विकास: शौचालयों की मरम्मत, पेयजल की सुविधा, रसोई घरों का निर्माण, विद्युतीकरण, बेंच-डेस्क की सुविधा, बृहद मरम्मति, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय और प्रयोगशालाओं के लिए आवश्यक सामग्री आदि का निर्माण कराया जाएगा।
- स्थानीय स्तर पर निर्णय: अब स्कूलों के विकास के लिए सभी निर्णय जिला स्तर पर लिए जाएंगे। इससे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार काम किए जा सकेंगे।
- पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस योजना से होने वाले लाभ
- छात्रों को बेहतर शिक्षा का माहौल: बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ छात्रों को पढ़ाई के लिए एक अनुकूल वातावरण मिलेगा।
- शिक्षकों का उत्साहवर्धन: बेहतर कार्य वातावरण से शिक्षकों का उत्साह बढ़ेगा और वे अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षण कार्य कर सकेंगे।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- स्थानीय विकास में योगदान: इस योजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।