बिहार में पिछले कुछ समय से एक के बाद एक धार्मिक विवाद देखने को मिल रहे हैं। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के कई नेता रामचरितमानस विवादित बयान दे रहे हैं। इसकी शुरुआत शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान से हुई थी। जिसमें उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। इसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। इस विवाद में नया नाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का जुड़ा हैं। जिन्होंने रामचरितमानस में नारी को नीच कहे जाने का आरोप लगाया है। वही भाजपा की तरफ से भी काउंटर किया जा तरह है। भाजपा तमाम विपक्षी पार्टियों पर सनातन के खिलाफ होने का आरोप लगा रही है।
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‘सनातन विचार खत्म करना चाहती है विपक्षी पार्टियां’
दरअसल केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता नित्यानंद राय बेगूसराय में गंगा समग्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। यहां अपने संबोधन में उन्होंने धार्मिक विवाद को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों को अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि गंगा मैया इतनी महत्वपूर्ण है। लेकिन, आज हमारे अध्यात्म पर, महापुरुषों पर, रामायण और गीता पर प्रहार हो रहा है। जिन धार्मिक स्थलों को भारत के इतिहास में गौरव प्राप्त है। ऐसे धार्मिक स्थलों पर विपक्षी दलों के तरफ से प्रहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी, सपा जैसी राजनीतिक पार्टियां सत्ता के लालच में भारत की विचारधारा पर हमला कर रही है। ये लोग सनातन विचार को खत्म कर देना चाहते हैं। लेकिन हमलोगों के रहते ये कभी भी नहीं हो सकता है।