पड़ोसी देश नेपाल में हो रही झमाझम बारिश के कारण सुपौल में जलप्रलय देखने को मिल रहा है। कोसी नदी का जलस्तर 3 लाख 96 हजार क्यूसेक पार होने के कारण तटबंध के भीतर भारी तबाही शुरू है। सुपौल जिले के बसंतपुर, निर्मली, मरौना, सरायगढ़-भपटियाही, किशनपुर, सुपौल सदर प्रखंड इलाके के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। सैकड़ों परिवारों के घर जलमग्न हो गए हैं। घरों में बने मिट्टी के चूल्हे, चापाकल व शौचालय तक डूब गए। कोसी तटबंध के भीतर जल तांडव के बीच लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे है।
वहीं, सुपौल जिलाधिकारी कौशल कुमार के नेतृत्व में सभी सुरक्षा तटबंधों पर जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को तैनात किया गया है। स्परों की भी निगरानी की जा रही है। सबसे अधिक तबाही सुपौल के मरौना अंचल इलाके में देखने को मिला है। यहां घोघररिया, सिसौनी, कदमाहा पंचायत के दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गई है।
कोसी बराज के पुनर्निर्माण की जगी आस, सरकारी तंत्र ने उठाई आवाज
सरकारी स्तर से अबतक बाढ़ से विस्थापित पीड़ित परिवारों के बीच महज पॉलीथिन सीट बांटी गई है। बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों का कहना है कि चूल्हा-चौका डूबने के कारण घरों में नाश्ता और भोजन तक नहीं बन पा रहा है। ऊंचे स्थान पर खुले आसमान के नीचे रहना मुश्किल है। घोघररिया पंचायत में अबतक बाढ़ आश्रय स्थल भवन नहीं होने से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कुछ लोग सुरक्षा तटबंध और स्परों पर तंबू बनाकर रहने को मजबूर हैं तो अधिकांश लोग घरों में जलभराव के बीच भी रहने को विवश दिखे।