बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अध्यक्ष और सचिव को पत्र लिखकर टीईटी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाया है. संघ का कहना है कि बीपीएससी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों का उल्लंघन किया है.
संघ की मांगें:
- माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र का पालन करे बीपीएससी: शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ या अहर्ता में छूट नहीं दी जानी चाहिए थी.
- अनियमित नियुक्तियों का निराकरण: संघ का आरोप है कि बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 में कई बाहरी राज्यों के बिना योग्यता वाले उम्मीदवारों को सफल घोषित कर दिया गया. साथ ही, दिव्यांग कोटे में भी बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हैं.
- महिला आरक्षण में भी अनियमितता: आरोप है कि 50% राज्य महिला आरक्षण में बाहरी राज्यों की महिलाओं को शामिल कर लिया गया. साथ ही, जिन महिलाओं का सीटीईटी स्कोर 60% से कम है उन्हें भी चुन लिया गया.
- रिजल्ट में सुधार की मांग: संघ ने मांग की है कि बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों का रिजल्ट रद्द कर नई सूची जारी की जाए. रिक्त पदों पर बिहार के मूल निवासियों को मौका दिया जाए.
- कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: यदि बीपीएससी मांगों को पूरा नहीं करता है तो संघ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने की चेतावनी दी है.
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- संघ ने बीपीएससी पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में अनियमितता, आरक्षण नियमों के उल्लंघन और आवेदन पत्रों की जांच ना करने का भी आरोप लगाया है.
विवाद का केंद्र
बिहार शिक्षक संघ का कहना है कि बीपीएससी द्वारा टीईटी परीक्षा में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों के चयन से बिहार के योग्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल रहा है. संघ ने बीपीएससी से पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने और नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता रोकने की मांग की है.