बिहार में स्कूली शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने का रास्ता अब साफ हो गया है। शिक्षकों की यह पुरानी मांग है, जिसको लेकर सरकार की ओर से बार बार आश्वासन दिए जाते रहे हैं। अब नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार, 26 दिसंबर को इसे पारित कर दिया। इसमें बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूर कर लिया गया है। अब बिहार के सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित एक मामूली परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दे देगी। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप पहले ही जारी किया गया था। प्रारूप में स्पष्ट है कि बीपीएससी से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सुविधाएं और वेतनमान दिया जाएगा। नए प्रारूप के लागू होने के बाद शिक्षकों का वेतन बढ़ना तो तय है लेकिन उनके लिए कई नए नियमों का भी प्रावधान किया गया है।
विशिष्ट शिक्षक कहे जाएंगे
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के अनुसार नियोजित शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहे जाएंगे। हालांकि इसके लिए राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा लेगी। परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर शिक्षकों को मिलेंगे। लेकिन इन तीन प्रयासों में भी असफल रहने वाले शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जाएगा।
इन नियमों का पालन नहीं करने पर हो सकती है बर्खास्तगी
- कार्य से अनधिकृत अनुपस्थिति
- जानबूझकर अनुशासनहीता
- विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में योगदान न देना
- वित्तीय अनियमितता के मामले
- सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी का अभाव
- किसी भी आपराधिक मामले में शामिल होना
शिक्षकों की आपत्ति बरकरार
नीतीश कैबिनेट द्वारा पारित होने के बाद भी शिक्षकों की इससे जुड़ी एक आपत्ति बरकरार है। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के प्रारूप पर जो सुझाव आए हैं, उनमें विशिष्ट शब्द पर ही कई शिक्षकों को आपत्ति है। यह आपत्ति उन सुझावों में भी झलकी थी, जो शिक्षा विभाग द्वारा नियमावली के प्रारूप पर मंगाए गए थे। लेकिन कैबिनेट ने नाम में कोई संशोधन नहीं किया है।