बिहार में शिक्षकों की बीपीएससी के जरिए नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बड़ा विरोध ट्रांसफर नीति को लेकर रहा है। राज्य सरकार ने शिक्षकों को मनचाहा ट्रांसफर के लिए मेरिट लिस्ट को आधार बनाने का निर्णय लिया है। भाजपा केविधायक प्रमोद कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि “बीपीएससी से चयनित शिक्षक और शिक्षिकाओं को तीन जिला के ऑप्शन के मुताबिक मेधा सूची के आधार पर पदस्थापन किया गया है। भविष्य में नियमावली के आधार पर स्थानांतरण का मौका मिलेगा।” विजय चौधरी ने यह भी कहा कि “स्थानीय निकाय के नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के आधार पर विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद पोस्टिंग के लिए तीन जिलों के विकल्प का प्रावधान किया गया है। इन शिक्षकों को 3 बार ऑनलाइन और 2 बार ऑफलाइन परीक्षा देनी होगी। पांच में किसी एक परीक्षा में पास करने पर विशिष्ट शिक्षक का दर्जा मिल जाएगा।”
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शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अतिथि शिक्षकों के मामले में कहा कि “वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नियमित नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षक की सेवा लेने का प्रावधान है। हाईस्कूल और विश्वविद्यालय दोनों में ही अतिथि शिक्षक की यही व्यवस्था है। नियमित शिक्षक नियुक्ति के प्रावधान के अनुसार अतिथि शिक्षक भी शामिल हो सकते हैं।”
इसके साथ ही मंत्री ने यह भी बताया कि “17 सदस्यीय विद्यालय शिक्षा समिति में 9 महिलाओं का प्रावधान है। इसमें 2 अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 2 एससी, 2 सामान्य वर्ग और 2 निशक्त कोटा है। उन्होंने सावित्री बाई फूले के नाम पर प्रखंड और जिला स्तर पर जिले में प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की माताओं को पुरस्कृत करने की कोई योजना नहीं है।”