पटना : परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी (Sheela Kumari) की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में बिहार सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न विभागों (स्टेकहोल्डर्स)- पथ निर्माण, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण कार्य, नगर विकास एवं आवास विभाग, गृह (पुलिस) एवं एनएचएआई द्वारा किए जा रहे कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की गई।
सामूहिक प्रयासों से दुर्घटना में आयेगी कमी
परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि बिहार सड़क सुरक्षा परिषद और विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के सामूहिक प्रयासों से राज्य में हो रही सड़क दुर्घटना एवं मृत्यु में कमी ला सकते हैं। सड़क दुर्घटना के पीड़ितों एवं मृतकों के आश्रितों को ससमय मुआवजा दिलाया जा सके इस दिशा में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित और पर्याप्त मुआवजा मिल सके।
एनएच की सड़कों के किनारे लगाएं रेलिंग
परिवहन विभाग मंत्री ने कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण एवं गड्ढों की वजह से भी दुर्घनाएं हो रही है। इसे अविलंब ठीक कराने की आवश्यकता है। एनएच के सर्विस सड़क को भी दुरुस्त करने की जरूरत है। एनएच के किनारे रेलिंग नहीं होने की वजह से सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत हो जाती । रेलिंग लगाई जाए। उन्होंने सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित कराने का निर्देष दिया।
हिट एंड रन के तहत मुआवजा दिलाने में बिहार शीर्ष पर
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए शुरू की गई हिट एंड रन मुआवजा योजना के तहत बिहार ने सभी राज्यों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी राज्यों को जीआईसी (जेनरल इंश्योरेंस काउंसिल, मुंबई) द्वारा किये गये भुगतान के कुल 4121 मामलों में 77 प्रतिशत (3179 पीड़ितों का लगभग 64 करोड़ रुपये) भुगतान बिहार राज्य को किया गया है। यह सफलता बिहार सरकार और परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा और मुआवजा योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रवर्तन तंत्र को किया जा रहा और सृदृढ़
परिवहन सचिव ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रवर्तन तंत्र को और सुदृढ़ किया जा रहा है। संबंधित विभाग द्वारा रोड इंजीनियरिंग में सुधार एवं जानजागरुकता हेतु प्रचार -प्रसार का निदेश दिया गया है। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देश दिया कि हाइवे पर स्पीड लिमिट एवं अन्य सड़क सुरक्षा संकेतों संबंधित साइनेज पर्याप्त संख्या में लगाया जाय। गोल्डन ऑवर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।
25 जिलों में ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्टिंग का काम शुरु
राज्य परिवहन आयुक्त श्री नवीन कुमार ने वर्ष 2024-2025 में बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा किए गए कार्य, पणधारी विभागों (स्टेक होल्डर) द्वारा अनुपालन प्रतिवेदन एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा मद से पुलिस मुख्यालय द्वारा इंटर सेप्टर व्हेकिल, बॉडी वार्म कैमरा, स्पीड रडार गन आदि की खरीद की गई है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने हेतु चालन दक्षता जांच के लिए राज्य के 26 जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 25 जिलों में टेस्टिंग का कार्य भी शुरु हो गया है।
बैठक के मुख्य बिंदु व निर्देश
- पटना शहर में निर्मित एफओबी का उपयोग सुनिश्चित कराएं। लोगों को एफओबी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- वाहन अंडर पास और पीपुल अंडर पास की स्थिति ठीक कराएं।
- प्रथम चरण में 7 प्रमंडलीय जिला मुख्यालय में ट्रैफिक पार्क का निर्माण किया जाएगा।
- सड़क सुरक्षा जागरूकता हेतु सभी सरकारी स्कूल की दीवार पर सड़क सुरक्षा संबंधित पेंटिंग का कार्य। इसके लिए सड़क सुरक्षा फंड से दिया जाएगा बजट।
- क्लास 1 से 8 वी तक के टेक्स बुक के अंतिम पृष्ठ पर रोड सेफ्टी जागरूकता संबंधित स्लोगन व डिज़ाइन।
इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक सुधांशु कुमार, अपर निदेशक सह सहायक अग्निशमन पदाधिकारी राजीव रंजन, पुलिस अधीक्षक यातायात, पटना अपराजित एवं सभी स्टेकहोल्डर्स डिपार्टमेंट के नोडल पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।