बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) ने अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया है। उत्तर बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं। कई इलाकों में बाढ़ की वजह से लोग पलायन को मजबूर हैं। इधर, पटना में बाढ़ की स्थिति पर जल संसाधन विभाग की बैठक हुई है। बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल और मंत्री विजय चौधरी ने बिहार में बाढ़ को लेकर कई जानकारियां दीं। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नेपाल में बारिश की जितनी भविष्यवाणी थी, उससे ज्यादा बारिश हो गई। जिसके कारण हालात बिहार में बिगड़ गए। पिछले 50 घंटे हम लोगों के विभाग के लिए बहुत तनावपूर्ण और चुनौती भरे थे। हम लोगों के लाख करने के बाद भी अभी तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। कोसी गंडक का सारा रिकॉर्ड टूट गया. अधिकारियों को एक नया अलर्ट जारी किया गया है।
अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश
मंत्री ने कहा कि 1967 के बाद सबसे ज्यादा कोशी का जलश्राव हुआ है। बाढ़ से संघर्ष जारी है। हालांकि चार दिन मे काफ़ी अंतर आया है। सरकार की सारी तैयारियों के बावजूद कई जगह तटबंध टूटे हैं, जान माल की क्षति न्यूनतम हुई है। बिहार के सारे तटबंध को और मजबूत करना होगा। हमें आने वाले दिनों में और भी तैयारी करनी होगी। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि घटते जलस्तर के कारण तटबंध टूट सकते हैं, इसीलिए अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किया गया है। ज्यादा चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अभी हालत सामान्य नहीं हुए हैं और अभी भी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
नेशनल सिल्ट पॉलिसी बननी चाहिए
विजय चौधरी ने बताया कि अभी तक सात तटबंध टूटे हैं, कोसी में पांच, बागमती में एक, गंडक में एक स्थान पर तटबंध टूटा है। विजय चौधरी ने कहा कि भारत सरकार से मांग की गई है कि नेशनल सिल्ट पॉलिसी बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस मामले में संवेदनशीलता पूरे देश में चर्चित है। विजय चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार से पूरी मदद मिलेगी और हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार मदद करेगी।
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