बिहार में होली से ठीक पहले मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार पूरे राज्य में तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी. अगले दो दिनों तक दक्षिणी हवाएं (पछुआ) चलने के बाद 15 मार्च से पूर्वी हवाएं (पूरवा) चलेंगी. इस बदलाव के साथ धूल भरी आंधी आने की संभावना है, जिससे लोगों को परेशानी होगी और तेज हवाओं के चलते आग लगने का खतरा भी बढ़ जाएगा.
15 मार्च के बाद सुबह और शाम की ठंड पूरी तरह गायब हो जाएगी. लोगों को अब गर्म कपड़ों से राहत मिल जाएगी. हालांकि, किसानों को इस दौरान अपनी फसलों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि अगर 15 मार्च के बाद तापमान बहुत ज्यादा बढ़ता है, तो गेहूं की फसल पर गर्मी के असर को कम करने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें.
आगामी तीन दिनों में पूरे राज्य में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने राजधानी में अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस (0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि) और न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 2 डिग्री अधिक) दर्ज किया गया. सहरसा के अगवानपुर में राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
पिछले एक हफ्ते में मौसम में आए अचानक बदलावों के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में तेज बुखार, सिरदर्द, गले में खराश-खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित बच्चों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. पटना के अस्पतालों में कई बच्चों में पेट दर्द, दस्त, उल्टी-मिचली और आंखों में खुजली-लालिमा की समस्या भी सामने आ रही है. कुछ मामलों में तेज बुखार दवा से कम नहीं हो रहा है और इतना बढ़ जाता है कि बच्चे नींद में बड़बड़ाने लगते हैं. इसकी वजह से हर रात कई बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है.
लोगों को बढ़ती गर्मी से बचने के लिए छाता, टोपी और धूप का चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है. बच्चों को तेज धूप में खेलने न दें और उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं. अगर किसी बच्चे में बुखार, खांसी या सर्दी के लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. मौसम विभाग की सलाह का पालन करके लोग खुद को और अपने बच्चों को बीमारियों से बचा सकते हैं.