बिहार के विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 में बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि, कुल मिलाकर रैंकिंग में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों में राज्य के संस्थानों ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आईआईटी पटना ने इस बार 34वां स्थान हासिल किया है, जबकि पिछले साल यह 41वें स्थान पर था। इसी तरह एनआईटी पटना ने भी इस क्षेत्र में सुधार करते हुए 55वां स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा, मैनेजमेंट की श्रेणी में आईआईएम बोधगया ने 33वां और लॉ की श्रेणी में चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने 31वां स्थान हासिल किया है।
मेडिकल के क्षेत्र में एम्स पटना ने इस बार 26वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि कुल मिलाकर इसे 99वां स्थान मिला है। हालांकि, पिछले साल एम्स पटना की कुल रैंकिंग 106 थी। वहीं, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा को 29वां स्थान मिला है।
इस साल शिक्षा मंत्रालय ने कुल 16 श्रेणियों में संस्थानों की एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की है। बिहार के संस्थानों द्वारा हासिल की गई इस सफलता से राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे विकास को दर्शाता है।
- इंजीनियरिंग: आईआईटी पटना ने 34वां और एनआईटी पटना ने 55वां स्थान प्राप्त किया है। दोनों संस्थानों ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
- मैनेजमेंट: आईआईएम बोधगया को 33वां स्थान मिला है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
- लॉ: चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को 31वां स्थान प्राप्त हुआ है।
- मेडिकल: एम्स पटना को मेडिकल कोटि में 26वां और ओवरऑल रैंकिंग में 99वां स्थान मिला है।
- कृषि: डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पूसा को 29वां स्थान मिला है।