बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर जमकर सियासत हो रही है। भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा रखा है। कोई शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को मानसिक रूप से बीमार बता रहा है। कोई उनके मानसिक इलाज के लिए पैसे देने की बात भी कह रहा है। वही कोई उन्हें अज्ञानी बता रहा है।इसके साथ ही सभी एक सुर से शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर भी कर हैं। वहीं अब भाजपा द्वारा शिक्षा मंत्री के पुराने बयानों को भी खोज-खोज कर निकाला जा रहा है या यूँ कहे की शिक्षा मंत्री के पुराने बयानों का कब्र से खोद कर भाजपा निकाला रही है तो गलत नहीं होगा।
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शिक्षा मंत्री पर तुस्टीकरण का आरोप
वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीटर के लिए जरिए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर तबड़तोड़ हमला कर रहे हैं। निखिल आनंद ने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का एक पुराना वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें वो कहते दिख रहे कि “मोहब्बत और ईमान का पैगाम देने वाला ‘अकेला’ इस्लाम है।” इस वीडियो को ट्वीट करने के साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षामंत्री ने राजद के तुष्टीकरण वाली राजनीतिक के एजेंडे के तहत मुसलमानों को खुश करने के लिए बयान दिया था। निखिल आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मिस्टर मालूम नहीं मुख्यमंत्री’, कैबिनेट मंत्री के बयान पर चुप क्यों हैं?
इस बयान से शुरू हुआ विवाद
दरअसल 11 जनवरी को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि धार्मिक ग्रंथों ने समाज में जातिवाद का जहर फैलाया है। एक युग में मनुस्मृति ने जहर फैलाया। उसके बाद रामचरित मानस ने जहर फैलाया।इसके बाद गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने यही काम किया। साथ ही उन्होंने रामायण की एक चौपाई “अधम जाति में विद्या पाए,भयहु यथा अहि दूध पिलाए” का जिक्र करते हुए भी उससे आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस चौपाई का मतलब है कि का मतलब है कि निचले जाती के लोग ज्ञान प्राप्त कर सांप के समान जहरीले हो जाते हैं। इसी बयान को लेकर विवाद बढ़ता चला गया लेकिन अपने इसी बयान पर वो आज भी कायम है।बिहार के शिक्षा मंत्री के बयानों की कब्र खोदने में लगी BJP