बिहार विधान परिषद की 5 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों में सत्तारुढ़ महागठबंधन को सबसे बड़ा झटका सारण से लगा है। दरअसल, सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से प्रशांत किशोर के समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद को जीत मिली है। जनसुराज समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद 3055 मत पाकर विजयी घोषित किए गए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर आनंद पुष्कर रहे, जो पूर्व विधान पार्षद केदार पांडेय के पुत्र हैं। केदार पांडेय के निधन के बाद उस सीट पर उपचुनाव हुआ है। वहीं 5 सीटों पर हुए इस चुनाव में महागठबंधन को दो सीट पर जीत मिल चुकी है। जबकि भाजपा को एक सीट मिली है। गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए अभी मतगणना प्रक्रिया जारी है।
वीरेंद्र नारायण दुबारा एमएलसी बने
गया शिक्षक निर्वाचन सीट पर भी भाजपा के उम्मीदवार ने ही जीत दर्ज की है। इस सीट पर जीवन कुमार भाजपा के उम्मीदवार थे। वहीं सारण स्नातक निर्वाचन सीट पर महागठबंधन जीत दुहराने में सफल रही। जदयू के डॉ वीरेंद्र नारायण यादव दुबारा एमएलसी चुने गए। वीरेंद्र नारायण को 30647 वोट मिले तो भाजपा के महाचंद्र सिंह को 24889 मत मिले।
महागठबंधन के लिए ‘हार’
अगस्त 2022 में बिहार में महागठबंधन 2 की सरकार बनने के बाद हुए तीन विधानसभा उपचुनाव में भाजपा आगे थी। तीन में से दो सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इसमें एक सीट तो पहले भाजपा के पास थी, जबकि दूसरी उसने जदयू से छीनी। अब विधान परिषद के चुनाव में भी यही इतिहास दुहराया जा रहा है। पांच में से चार सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था। सिर्फ गया स्नातक निर्वाचन सीट भाजपा के पास थी। लेकिन इस बार हालात बदले से हैं। क्योंकि महागठबंधन को कम से कम एक सीट का नुकसान हो चुका है। गया स्नातक सीट पर अभी मतगणना चल रही है।
कोसी में ही महागठबंधन भारी
इससे पहले कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू ने बाजी मार ली है। जदयू प्रत्याशी संजीव कुमार सिंह ने भाजपा प्रत्याशी रंजन कुमार को हरा कर जीत हासिल की है। बता दें कि संजीव कुमार सिंह को कुल 8692 मिले जबकि रंजन कुमार को सिर्फ 599 वोट मिले हैं।