नवादा से निकली भाकपा-माले की पदयात्रा के आज जहानाबाद पहुंचने पर माले महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी न्याय यात्रा एक आंदोलन में तब्दील हो गई है। गरीब गुरुबाओं और जनता का व्यापक समर्थन हमें मिल रहा है। जीविका, आशा, रसोईया, आंगनबीड़ी सहित अन्य स्कीम वर्कर और समाज के अन्य कामकाजी तबकों का भरपूर सहयोग व समर्थन यात्रा में देखने को मिली।
‘लालू यादव के रहते बिहार में कोई दंगा नहीं करा सकता… नीतीश और गिरिराज में कोई फर्क नहीं’
संवाददाता सम्मेलन में उनके अलावा एमएलसी शशि यादव, घोषी विधायक रामबली सिंह यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, संदीप सौरभ, जिला सचिव रामाधार सिंह आदि भी उपस्थित थे। माले महासचिव ने आगे कहा कि यात्रा का आठवां दिन है। पूरे बिहार में लगभग 25 पदयात्राएं चल रही हैं। कुल मिलाकर 5000 साथियों ने 500 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। यह यात्रा बिहार के ज्वलंत सवालों पर हो रहा है। जनता परेशान है, सरकार खामोश है।
गया जिला सहित पूरे राज्य में दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई है। महिलाओं से बलात्कार हो रहा है। भूमि सर्वे की आड़ में हमने अपनी पदयात्रा के दौरान पाया की जमीन से गरीबों की बेदखली करके लैंड बैंक बनाने की साजिश हो रही है जिसे बाद में कंपनियों को दे दिया जाएगा। स्मार्ट मीटर की मार है जबकि बिहार सरकार को हर गरीब को 200 मिनट फ्री बिजली उपलब्ध करानी चाहिए थी। जिस राज्य में 95 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे हो वहां सिलेंडर और बिजली की ऐसी मार उन्हें कहां का छोड़ेगी?
इन परिवारों को सरकार ने 2 लाख आर्थिक मदद की बात की थी लेकिन अभी तक मात्र 40000 परिवार को एक किस्त मिला। मोदी के 15 लाख जुमले की तरह इस 2 लाख की सहायता राशि को हम जुम ला नहीं बनने देंगे। 65% आरक्षण के सवाल पर बिहार सरकार बिहार की जनता को धोखा दे रही है। हम उसे संविधान के नवे अनुसूची में शामिल करने की मांग करते हैं।
तथाकथित डबल इंजन की सरकार बिहार की गरीब जनता पर डबल बुलडोजर चलाना चाहती है। विकास के लिए सांप्रदायिक सौहार्द जरूरी है लेकिन भाजपा के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री उन्माद उत्पात फैलाकर बिहार का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। वह हर घर में आग लगाना चाहते हैं। बिहार की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। बिहार में बदलाव की गहरी आकांक्षा दिख रही है। आने वाले दिनों में बीजेपी जदयू को सबक सिखाना है।