बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के लिए पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है। परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने एक बयान में स्पष्ट किया कि क्यों सिर्फ एक परीक्षा सेंटर की परीक्षा रद्द की गई और बाकी सभी सेंटरों पर परीक्षा को क्यों रद्द नहीं किया गया। राजेश कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा के परिणामों और पुनर्परीक्षा के निर्णय में आयोग जिला पदाधिकारी द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन और अन्य अकाट्य प्रमाणों का आधार लेता है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी केंद्र की परीक्षा को रद्द करने या पुनर्परीक्षा कराने का निर्णय संबंधित जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्राप्त रिपोर्ट और अन्य प्रमाणों के आधार पर लेते हैं।”
सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यभर में 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा के पुनः आयोजित करने का कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा, “जहां तक पूरी राज्यभर में पुनर्परीक्षा कराने का सवाल है, आयोग के पास न तो किसी जिला पदाधिकारी से कोई प्रतिवेदन आया है और न ही अन्य कोई साक्ष्य या प्रमाण मिले हैं, जिसके आधार पर पुनर्परीक्षा का निर्णय लिया जा सके।” उन्होंने बताया कि सिर्फ पटना के बापू परीक्षा परिसर को लेकर जिलाधिकारी पटना से प्राप्त रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो क्लिप्स के आधार पर इस केंद्र की परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा 4 जनवरी 2025 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
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इसके साथ ही परीक्षा नियंत्रक ने यह भी कहा कि राज्य के अन्य 911 केंद्रों पर कोई भ्रामक या गलत साक्ष्य नहीं मिले, इसलिए इन केंद्रों पर पुनर्परीक्षा कराने का कोई आधार नहीं है। “आयोग ने अपना निर्णय पूरी तरह से राज्य के युवा अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। ऐसे में अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे गलत खबरों से प्रभावित न हों और सावधान रहें।”
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इस दौरान, राजेश कुमार सिंह ने मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मीडिया को हमने विस्तार से बताया था कि पूरे राज्य के केंद्रों पर पुनर्परीक्षा कराना क्यों संभव नहीं है। लेकिन कुछ मीडिया संस्थाओं ने इसे सनसनीखेज बनाने के लिए गलत सुर्खियां दीं, जैसे ‘किसी भी स्थिति में पूरी परीक्षा की पुनर्परीक्षा नहीं होगी’, ‘आर-पार की लड़ाई’ और इसी तरह की हेडलाइनों से भ्रांति फैलाने की कोशिश की गई। इस प्रकार की रिपोर्टिंग से आयोग की नकारात्मक छवि बनती है।”
इस स्पष्टीकरण के बाद, BPSC ने फिर से अभ्यर्थियों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की भ्रामक खबरों से बचें और सत्य की जानकारी के लिए आयोग की आधिकारिक घोषणाओं पर ध्यान दें।