बीपीएससी (BPSC) प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान जब बुधवार को छात्र बिहार लोक सेवा आयोग के कार्यालय का घेराव करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। पुरुष और महिला अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। वहीं, अब उनके खिलाफ सचिवालय थाने में केस दर्ज किया गया है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भड़क गये हैं।
प्रदेश में गुंडागर्दी की सीमा पार
तेजस्वी यादव ने कहा कि मानसिक रूप से बीमार लोग प्रदेश चला रहे है। उन्हें खोज-खबर ही नहीं बिहार में क्या हो रहा है? बीजेपी ने प्रदेश में गुंडागर्दी की सीमा पार कर दी है। चंद माह पूर्व तक NDA के नेता नीतीश कुमार को किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बता उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते नहीं थकते थे अब वही BJP-LJP-HAM के नेता उनके तानाशाही निर्णयों को शिरोधार्य कर BPSC परीक्षार्थियों को पुलिस से पिटवा इस गुंडागर्दी को उचित ठहरा रहे है। नीतीश कुमार खुद को जेपी का स्वयंघोषित चेला बताते है लेकिन छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध से नफ़रत है। समस्त स्वार्थी NDA नेताओं का यही हाल है।
क्या से अन्याय नहीं है?
वहीं पटना में प्रदर्शन कर रहे BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर RJD नेता मनोज झा ने कहा कि सबूत हैं कि कई जगहों पर 50-45 मिनट लेट से परीक्षा ली गई लेकिन वक्त पर पेपर ले लिया गया। क्या से अन्याय नहीं है? क्या इसे गलत ना माने? वे शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हुए हैं और आप जाकर इस प्रकार लाठीचार्ज कर रहे हैं जैसे वे सरहद पर हैं। वे आपके दुश्मन नहीं हैं। आज के समय अगर आपातकाल जैसे प्रदर्शन होने लगे तो क्या से निजाम उसे स्वीकार करेगा? सरकार चला कौन रहा है? क्या भाजपा ने वहां अधिकारियों के माध्यम से कब्जा कर लिया है? सरकार को छात्रों की मांग पर विचार करना चाहिए और इस प्रकार की हरकतों से बाज आना चाहिए।
बिहार सरकार निरंकुश हो चुकी है
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी देर रात गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर पहुंचे और बीपीएससी अभ्यर्थियों से बात की। वहीं घायल छात्रों से भी हाल-चाल जाना। अभ्यर्थियों से बातचीत करते हुए सांसद में कहा कि बीपीएससी छात्रों को हर तरह का सपोर्ट देंगें। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार निरंकुश हो चुकी है। छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि जब जब छात्रों पर लाठी गोली चलेगी पप्पू यादव उनके लिए सर्वस्व न्योछावर कर लड़ेगा। हर क़ीमत पर छात्रों की भावनाओं के साथ हैं। BPSC की परीक्षा कैंसिल कर दुबारा exam हो। आख़िर बीपीएससी अभ्यर्थियों से बिहार सरकार को ऐसी क्या दुश्मनी है? उनके साथ आतंकवादियों, क्रूर अपराधियों सा व्यवहार क्यों?
BPSC अभ्यर्थियों पर FIR भी दर्ज
इधर, BPSC अभ्यर्थियों पर जिला प्रशासन ने भी अपना पक्ष रखा है. प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘गर्दनीबाग में कुछ लोगों द्वारा बीपीएससी की 13 दिसम्बर को हुई परीक्षा को रद्द करने की माँग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। नेतृत्व करने वालों में से अधिकांश लोग गैर-परीक्षार्थी हैं। इन लोगों द्वारा आधारहीन अफवाह फैलाकर परीक्षार्थियों को उकसाने की कोशिश की जा रही है। इनके द्वारा मनमाने ढंग से आरोप-प्रत्यारोप कर लोगों को भड़काकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की जा रही है। इनमें कुछ कोचिंग संचालक भी शामिल हैं जिनमें रमांशु क्लासेज के रमांशु कुमार, सुनामी जीएसगुरू सुजीत, ज्ञान बिन्दु जीएस क्लासेज के रौशन आनंद, तथाकथित छात्र नेता दिलिप कुमार, परफेक्सन जीएस के चंदन प्रिय एवं कौटिल्या जीएस के प्रवीण कुमार और प्रदीप कुमार, रोहित कुमार इत्यादि शामिल हैं। कुछ सोशल मीडिया हैण्डल्स द्वारा भी आधारहीन तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर अफ़वाह फैलायी जा रही है।
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23 दिसंबर को सायंकाल लगभग 5.15 बजे कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा गर्दनीबाग अस्पताल में घुसकर चिकित्सकों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार तथा तोड़-फोड़ की गई। पुनः 25 दिसंबर को निर्धारित धरना स्थल गर्दनीबाग से दूर नेहरू पथ पर बीपीएससी कार्यालय के निकट प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर प्रदर्शन करने लगे। वापस धरना स्थल पर जाने का बार-बार अनुरोध करने पर भी नहीं माने और कुछ लोग वहीं धरने पर बैठ गये, जिन्हें हल्का बल प्रयोग कर हटाया गया। प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने, अफ़वाह फैलाने और लोगों को उकसाने वालों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है, सख्त कार्रवाई की जाएगी।