पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करने के बाद राजभवन से बाहर निकला। इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने लगभग 40 मिनट तक अभ्यर्थियों की बातों को ध्यान से सुना। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल को 15 पन्नों का आरोप पत्र और संबंधित साक्ष्य सौंपे, जिनमें बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
राज्यपाल ने इस मामले में अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया और कहा कि जो भी संभव होगा, वह करेंगे। उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा, “आपका मुद्दा गंभीर है, और हम इसे ध्यान से देखेंगे, लेकिन कृपया इसे प्रशांत किशोर के अनशन से न जोड़ें। उनका अनशन एक अलग मुद्दा है, और इसे अलग से सुलझाना जरूरी है।” राज्यपाल ने यह भी कहा कि वे भविष्य में वार्ता के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे, लेकिन वर्तमान में उनकी प्राथमिक चिंता प्रशांत किशोर के अनशन को जल्द समाप्त कराना है।
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बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि आनंद मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा राज्यपाल से मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव आया है। पिछली बार जब प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, तब वह एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के रूप में थे, लेकिन इस बार अभ्यर्थियों ने सीधे राज्यपाल से बात की। आनंद मिश्रा ने कहा, “राज्यपाल से हमें सकारात्मक आश्वासन मिला है और अब हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा।”
अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि वे प्रशांत किशोर के अनशन को समाप्त कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में अंतिम निर्णय खुद प्रशांत किशोर को लेना है। यदि राज्य सरकार जांच कमेटी का गठन करती है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद प्रशांत किशोर छात्रों के आग्रह पर अपना अनशन समाप्त कर सकते हैं।