बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-3) का परिणाम रोस्टर क्लियरेंस में देरी के कारण अटका हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों की रिक्तियों से जुड़े रोस्टर क्लियरेंस में अभी तक केवल एक जिले से ही जानकारी मिल पाई है।
क्या है रोस्टर क्लियरेंस?
रोस्टर क्लियरेंस का मतलब है विभिन्न श्रेणियों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग आदि) के लिए आरक्षित पदों का विवरण। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि नियुक्ति के दौरान आरक्षण का पालन हो।
क्यों हो रही है देरी?
- तकनीकी खामियां: जिलों से भेजे गए रोस्टर क्लियरेंस में कई बार तकनीकी खामियां पाई गई हैं, जिसके कारण सामान्य प्रशासन विभाग ने इन पर आपत्ति जताई है।
- आरक्षण नियम: नए आरक्षण नियमों के अनुसार रोस्टर क्लियरेंस तैयार करना जटिल हो गया है।
- जिला शिक्षा पदाधिकारियों की लापरवाही: कुछ जिला शिक्षा पदाधिकारी रोस्टर क्लियरेंस भेजने में लापरवाही बरत रहे हैं।
शिक्षा विभाग का प्रयास:
शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर रोस्टर क्लियरेंस जल्द से जल्द भेजने का निर्देश दिया है। हाल ही में, माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक बार फिर पत्र लिखकर रोस्टर क्लियरेंस ई-मेल से भेजने का अनुरोध किया है।
क्यों महत्वपूर्ण है रोस्टर क्लियरेंस?
रोस्टर क्लियरेंस के बिना शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। यह सुनिश्चित करता है कि सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को उनके आरक्षित पदों पर नियुक्ति मिल सके।
असर:
रोस्टर क्लियरेंस में हो रही देरी के कारण हजारों अभ्यर्थी बेसब्री से परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। इस देरी से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में और अधिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
उम्मीदवारों की मांग:
अभ्यर्थी सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे रोस्टर क्लियरेंस की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि परिणाम घोषित किया जा सके और उन्हें नियुक्ति मिल सके।