लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने संगठन को मजबूत करने की तैयारियों में लगी हुई है। बिहार में भी राजनीतिक पार्टियां भी अपने संगठन में बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। खास कर जदयू बिहार में अपनी पार्टी में सैकड़ों उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव बना चुकी है। कुछ दिनों पहले जदयू ने एक राजनीतिक सलाहकार समिति बनाया था।जिसमें 300 लोगों को शामिल किया गया था। इसके बाद एक राष्ट्रीय कार्यसमिति का भी गठन किया गया। जदयू का फोकस लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी को और ज्यादा मजबूत करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू की दो दिवसीय बड़ी बैठक होने वाली है।
जिला और प्रखंड अध्यक्षों से मिलेंगे CM नीतीश
दरअसल विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की तीन सफलतापूर्वक हुई बैठक के बाद सीट शेयरिंग को लेकर चर्चाएँ काफी तेज हैं। बिहार में भी महागठबंधन में शामिल दल लोकसभा सीटों को लेकर अपनी मांगों पर विचार कर रहे हैं। CPI(ML) ने बकायदा लालू यादव के पास लोकसभा सीटों की मांग को लेकर प्रस्ताव भेजा है। उधर कांग्रेस ने भी बिहार की लोकसभा सीट को लेकर अपनी एक अलग मंशा जाहिर की है।बताया जा रहा है कि 30 सितंबर को महागठबंधन की बड़ी बैठक हो सकती है जिसमें लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा होगी।
उससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने आज यानि 11 सितंबर को जेडीयू के जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। ये बैठक दोपहर 2 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह प्रदेश अध्यक्ष के आलावा पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।इसके बाद 12 सितंबर को जिला प्रभारियों और अन्य नेताओं के साथ की बैठक बुलाई गयी है। दोनों दिनों की बैठक में नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के तैयारी की समीक्षा करेंगे। दो दिवसीय इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब 800 जिला और प्रखंड अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे।