बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दोषी करार दिए जा चुके मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन उर्फ मधु को स्वाधार गृह कांड में एससी-एसटी कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में गुरुवार को तिहाड़ जेल से बृजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन और कृष्णा को विशेष एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने मामले की सुनवाई करते हुए सबूतों की कमी के चलते उन्हें बरी कर दिया।
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क्या था स्वाधार गृह कांड?
स्वाधार गृह कांड में बृजेश ठाकुर पर 11 महिलाओं और उनके चार बच्चों को गायब करने का आरोप था। यह मामला मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद उजागर हुआ था, जिसमें पहले ही ठाकुर को दोषी ठहराया गया है और वह तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं।
विशेष एससी-एसटी कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका। न्यायाधीश ने सबूतों की अनुपलब्धता को आधार बनाते हुए बृजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन, और कृष्णा को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया। फैसले के बाद तीनों आरोपियों को वापस दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया गया। हालांकि, बालिका गृह कांड में बृजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन अपनी सजा काट रहे हैं।