वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बिहार को बड़ी सौगात दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ की समस्या से निजात पाने के लिए भारत सरकार नेपाल के साथ मिलकर काम करेगी। राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए इस बजट में 11500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ऐलान किया कि गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनाकर धार्मिक पर्यटन विकसित किया जाएगा। नालंदा को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार सहायता देगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसी के तहत गया में औद्योगिक केंद्र बनाया जा रहा जा रहा है। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बल मिलेगा। गया का यह केंद्र प्राचीन सांस्कृतिक केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के साथा कनेक्ट करेगा। ये भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा। यह कॉरिडोर औद्योगिक विकास को कार्यान्वित करेगा। यह मॉडल बहुत ही अच्छा होगा। इस मॉडल में ‘विकास भी विरासत भी’ की झलकदिखेगी।
बता दें कि बिहार में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत के कारण पर्यटन विकास की बहुत संभावना है। राज्य में कई पर्यटक केंद्र हैं, जिनमें ऐतिहासिक स्मारक, खंडहर, मंदिर, जंगल और दो विश्व धरोहर स्थल, नालंदा और महाबोधि शामिल हैं। इस बार के बजट में सरकार ने नालंदा को टूरिज्म हब बनाने का भी ऐलान किया है। पटना से बनने वाला एक्सप्रेसवे भी पर्यटन को बढ़ावा देगा, क्योंकि बिहार आने वाले पर्यटकों का 41% हिस्सा पटना जरूर जाता है और बोधगया विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे अधिक पसंदीदा प्लेस में से एक है, जिसपर भी सरकार काम करेगी।