शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को आयोजित विश्वविद्यालयों के वार्षिक बजट की समीक्षा बैठक में मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों की गैरहाजिरी देखी गई. हालांकि, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी की अध्यक्षता में दोनों विश्वविद्यालयों के अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई.
बैठक में 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित बजट पर चर्चा की गई. इस दौरान बजट आवंटन और खर्च का विश्लेषण किया गया, साथ ही आगामी बजट के लिए आवश्यक मांगों पर भी विचार-विमर्श किया गया. कुछ कमियों को सुधारने के लिए भी सुझाव दिए गए.
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने दोनों विश्वविद्यालयों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने लिखित रूप में अनुपस्थिति दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 15 मई को विश्वविद्यालय में पहले से ही एक कार्यक्रम निर्धारित है, जिस कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. वहीं, मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति की अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट नहीं हो सका.
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भविष्य में प्रस्तावित बजट पर चर्चा के लिए कुलपतियों की उपस्थिति आवश्यक है. उनकी गैरहाजिरी चिंता का विषय है क्योंकि बजट से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने थे. शिक्षा विभाग को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए.
बैठक का सारांश जल्द ही शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए जाने की उम्मीद है. इसके बाद विश्वविद्यालयों को प्रस्तावित बजट में आवश्यक बदलाव करने के लिए निर्देश मिल सकते हैं. अंत में, अंतिम अनुमोदन के लिए तैयार बजट को सरकार के पास भेजा जाएगा.