दिल्ली: विपक्षी दलों ने सरकारों द्वारा बुलडोजर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजद नेता मनोज झा ने कहा कि ‘बुलडोजर न्याय’ शब्द का प्रयोग होने लगा था लेकिन कैसा न्याय? बल्कि बुलडोजर न्याय को ध्वस्त करता है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतत: इस पर अपनी मुहर लगा दी है और मुझे उम्मीद है कि जो लोग उस पर बैठकर खुद पर फूलों की बारिश करवाते थे, अब वे इससे परहेज करेंगे।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस फैसले ने भाजपा की राज्य सरकारों, खासकर उत्तर प्रदेश को आईना दिखाया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, देश भर में भाजपा सरकारों द्वारा की जा रही अत्यधिक मनमानी कार्रवाई, चाहे वह यूपी हो या एमपी, अवैध है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। आपको दोषियों को दंडित करना चाहिए। लेकिन अपनी मर्जी से घरों को गिराना और ज्यादातर समाज को विभाजित करना अनुचित है। बुलडोजर न्याय जैसी कोई चीज नहीं है । यहां संविधान है, कानून का शासन है और इस देश में यही चलेगा।”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फैसले का स्वागत करते हुए यूपी के सीसामऊ में एक चुनाव प्रचार सभा के दौरान कहा, “मैं सरकार के खिलाफ इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। जो लोग घर तोड़ना जानते हैं, उनसे आप क्या उम्मीद कर सकते हैं? कम से कम आज उनका बुलडोजर गैराज में खड़ा रहेगा, अब किसी का घर नहीं टूटेगा। सरकार के खिलाफ इससे बड़ी टिप्पणी और क्या हो सकती है?”
तृणमूल कांग्रेस के कुणाल घोष ने कहा कि लोकतंत्र में बुलडोजर के लिए कोई जगह नहीं है और यह फैसला सही समय पर आया है। फैसले का स्वागत करते हुए राजद के मनोज झा ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई को “कुत्ते की सीटी की राजनीति” का साधन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बुलडोजर न्याय एक विरोधाभास है और न्याय और बुलडोजर एक साथ नहीं हो सकते।”
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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसले के बाद बुलडोजर का आतंक खत्म हो जाएगा। भाजपा नेताओं ने आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कोई भी निर्देश एक तरह का आदेश है और सरकार इसका पालन करने के लिए बाध्य है। जम्मू-कश्मीर भाजपा नेता रविंदर रैना ने फैसले को ‘संवैधानिक’ करार दिया। हालांकि, उन्होंने कहा, “यह ध्यान देने वाली बात है कि बुलडोजर की कार्रवाई केवल उन लोगों के खिलाफ की गई जिन पर देशद्रोह का आरोप है और जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया है।”