लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आज बक्सर में मतदान हो रहा है। यहां लड़ाई बेहद दिलचस्प है। 2024 लोकसभा चुनाव में बक्सर से भाजपा के मिथिलेश तिवारी, राजद के सुधाकर सिंह, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे आनंद मिश्रा, ददन पहलवान के अलावा अब बसपा उम्मीदवार अनिल कुमार चौधरी भी चुनौती देते नजर आ रहे हैं।
कुल मिलाकर यहां की सियासी जंग अब सीधी टक्कर के रास्ते से अलग हटकर बहुकोणीय संघर्ष की राह पर उतर गई है। स्थिति यह है कि बक्सर में पिछले तीन दशक से जीत हार का खेल रचने वाले प्रमुख दल भाजपा और राजद को अपने ही वोट बैंक में सेंधमारी का खतरा दिख रहा है। बक्सर की चुनावी जंग अब पांच उम्मीदवारों के आपसी संघर्ष के साथ परवान चढ़ गई है।
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भाजपा को अपनों से खतरा
ब्राह्मण बहुल क्षेत्र बक्सर से भाजपा के रणनीतिकारों ने पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवारी मिलने के साथ ही बक्सर लोकसभा से वर्ष 2014 और 2019 में जीत हासिल करने वाले अश्विनी चौबे ने विरोध शुरू कर दिया। हालांकि वो खुल कर इसे जता नहीं रहे लेकिन टिकट न मिलने की नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अश्विनी चौबे विरोध में काफी सक्रिय नहीं हैं पर उनके मौन के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।
आईपीएस आनंद मिश्रा भी कर सकते हैं खेल
भाजपा उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को टिकट मिलने के बाद नाउम्मीद हुए पूर्व आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा ने भी भाजपा के विरोध में मोर्चा खोल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर दिया है। अश्विनी चौबे की चुप्पी और आनंद मिश्रा के व्यापक प्रचार अभियान से भाजपा उम्मीदवार की फिलहाल परेशानी बढ़ गई है। आनंद मिश्रा अपनी प्रचार यात्रा में काफी मुखर हैं और सोशल साइट पर लोकप्रिय भी। अब चुंकि भाजपा के हर उम्मीदवार को मोदी की गारंटी और राम लहर का भरोसा है, तो बक्सर में मिथिलेश तिवारी का भी यही हाल है।