पूर्णिया। रूपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर महागठबंधन में घटक दल सीपीआई ने अपनी दावेदारी ठोकी है। पार्टी का कहना है कि यह सीट उनकी परंपरागत सीट है और इस नाते उनका पहला हक बनता है। पटना में पार्टी की बैठक में रूपौली उपचुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रह चुके विकास चंद्र मंडल और पार्टी के बिहार राज्य परिषद के सदस्य एवं पार्टी के पूर्व जिला सचिव सुभाष प्रसाद यादव भी शामिल थे। इस बैठक में सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने भी भाग लिया।
सीपीआई की बैठक और निर्णय
सुभाष प्रसाद यादव ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने रूपौली उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। तय किया गया है कि इस संबंध में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी बातचीत की जाएगी। अंतिम फैसला दोनों नेताओं से वार्ता के बाद ही लिया जाएगा। विकास चंद्र मंडल ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं और लालू प्रसाद से एक चरण की बात हो चुकी है और लालू प्रसाद ने भी अपनी सहमति दे दी है। हालांकि, तेजस्वी यादव के पटना से बाहर रहने के कारण उनसे बातचीत नहीं हो सकी है। मंडल ने बताया कि पार्टी ने उन्हें चुनाव की तैयारी करने को कहा है और वे पटना से रूपौली लौट गए हैं। 14 जून से नामांकन शुरू हो रहा है और जल्द ही नामांकन की तिथि की घोषणा की जाएगी।
लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि बीमा भारती इस सीट से अपना भाग्य आजमा सकती हैं। यह सीट बीमा भारती के इस्तीफा देने से खाली हुई है। बीमा जदयू से चुनाव लड़ी थीं जबकि गठबंधन के तहत यह सीट सीपीआई के खाते में गई थी। इस सीट से सीपीआई के प्रत्याशी विकास चंद्र मंडल 41,963 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
रूपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दलों में खींचतान जारी है। सीपीआई ने अपनी परंपरागत सीट होने का दावा करते हुए इस पर अपनी दावेदारी पेश की है। आगामी दिनों में महागठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता और अंतिम निर्णय के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। चुनावी मैदान में कौन किसके साथ होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।