बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के बैनर तले नई शिक्षक नियुक्ति नियामवली के खिलाफ हजारों की संख्या में पूरे बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरना स्थल पर जुटे। मौका था घेरा डालो डेरा डालो आन्दोलन का। बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी अपने बच्चों के साथ आन्दोलन में पहुंची थी। शिक्षक अभ्यर्थी एक स्वर में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली वापस लेने की मांग कर रहे थे। शिक्षक अभ्यर्थी नई नियमावली वापस लो, शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद, तुगलकी फरमान वापस लो, सरीखे गगनभेदी नारे लगा रहे थे।
आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव तथा कार्यकारी अध्यक्ष नितेश पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक अभ्यर्थी चार वर्षों से सीटेट, बीटेट, एसटीईटी पास हैं तथा शिक्षक बनने की तमाम अहर्ता को पूरा करते हैं। नई नियामवली में एक और परीक्षा का प्रावधान किया गया है जो अभ्यर्थियों के साथ वादाखिलाफी है। चार सालों से सीटेट, बीटेट पास कर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों के साथ सरकार ने नाइंसाफी किया है। संघ के संयोजक कुमार सत्यम तथा प्रवक्ता अनीश सिंह ने कहा कि सरकार ने सातवें चरण की शिक्षक बहाली के बदले एक और परीक्षा का फरमान जारी कर दिया। महिला अध्यक्ष पुष्पलता तथा मीकू पाल ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की मंशा शिक्षक बहाली पर स्पष्ट नहीं है। जानबूझकर ऐसी नियामवली बनाई गई है, जिससे बहाली को लटकाया जा सके।
अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे कई नेता, दिया समर्थन
नई नियमावली के विरोध में हो रहे आन्दोलन में लोक जनशक्ति पार्टी(रा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार, गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जन सुराज के समर्थित प्रत्याशी शिक्षाविद अभिराम सिंह,बीजेपी के एमएलसी जीवन कुमार शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे। उन्होंने तुरंत सरकार से नियामवली वापस लेने तथा एक और परीक्षा की बाध्यता से मुक्त करने की मांग की। आन्दोलन को अनामिका सिंह, मनोज, विपुल, विकाश, मृत्युंजय कन्हैया, भानू प्रकाश, आमिर हुसैन, मनीष,आकाश मानस, प्रेमशंकर, संजीव, मनीष इन्द्रसेन, चंचला कुमारी, मालती, सरोज मंडल, लवली, सिद्धार्थ कश्यप, लक्ष्मण, राजीव, कृष्णा, शशिभूषण, कुंदन, उपेंद्र सहित दर्जनों शिक्षक नेताओं ने संबोधित किया। मौके पर बिहार के अलग अलग जिलों के हजारों शिक्षक अभ्यर्थी मौजूद थे।