बिहार जाति आधारित गणना तमाम कानूनी अडचनों के बाद भी पूरा हुआ। 2 अक्टूबर को इसकी रिपोर्ट को भी जारी कर दी गई। रिपोर्ट जारी होने के बाद मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट जारी किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई। याचिकाकर्ता में कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम किसी राज्य सरकार के किसी काम पर रोक नहीं लगा सकते। कोर्ट के फैसला बिहार सरकार के लिए राहत की खबर है। इसे लेकर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद की प्रतिक्रिया सामने आई है।
RJD प्रवक्ता एजाज अहमद की प्रतिक्रिया
राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जातिगत गणना के आंकड़ें के मामले पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने जो बातें कही है।उससे यह स्पष्ट होता है कि महागठबंधन सरकार ने जिन उद्देश्यों के लिए जातिगत गणना के आंकड़े इकट्ठे किए हैं उसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी स्वीकार्यता प्रदान की है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है और कहा कि हम राज्य सरकार को नीतियां बनाने से नहीं रोक सकते हैं। बिहार सरकार ने नीतियां बनाने के लिए जो आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं। उन्होंने कहा महागठबंधन सरकार की सोच और कार्यों को न्यायालय की ओर से स्वीकार किया गया है।
BJP पर साधा निशाना
एजाज अहमद ने आगे कहा कि जातिगत आंकड़े पर रोक लगवाने के लिए भी वही लोग गए थे जो पहले से नहीं चाहते थे कि जातिगत गणना हो।
वैसे लोगों को न्यायालय के द्वारा दिए गए संदेश से निराशा हुई है साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के कार्यों पर मुहर लगी है। आंकड़े को नीतियां बनाने के लिए जरूरी बताया।