बिहार में जाती आधारित गणना का डाटा आज रिलीज कर दिया गया है। रिपोर्ट में ये बताया गया है की बिहार में किस जाति की संख्या कितनी है। डाटा रिलीज किए जाने के बाद बिहार का सियासी पारा भी काफी हाई हो गया है। अलग-अलग दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जहाँ अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे हैं। वहीं विपक्ष भी विरोध तो नहीं कर रहा पर सरकार से सवाल जरुर पूछ रहा है।
बिहार की वो 10 जातियां, जिनकी सबसे अधिक जनसंख्या
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
जाती आधारित गणना का डाटा रिलीज होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने X(पूर्व में ट्वीटर) पर लिखा “आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।”
लालू यादव की प्रतिक्रिया
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि “आज गाँधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आँकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे। सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे।”
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने X(पूर्व में ट्वीटर) पर लिखा “कम समय में जाति आधारित सर्वे के आँकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया। इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किये हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है। अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी। इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की। बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंज़िलों के लिए। आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नही है। बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगा।”
सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया
बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “मैं नीतीश कुमार को बार-बार कह रहा था कि रिपोर्ट जल्द जारी करें। यह आधी-अधूरी रिपोर्ट है, अभी भाजपा पूरी रिपोर्ट देखेगी, जांच करेगी और फिर अपना विस्तृत बयान देगी… यह आधा-अधूरा है, जो आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग हैं उसका तो रिपोर्ट ही नहीं है। अभी सिर्फ जातियों की गणना नीतीश कुमार ने बताई है लेकिन किस तकनीक से यह किया गया उसकी रिपोर्ट हम लेंगे… लालू जी की आदत जातिय उन्माद फैलाने की रही है। भाजपा शुरू से जातिय सर्वेक्षण की समर्थक रही है।”
विजय सिन्हा की प्रतिक्रिया
जाती आधारित गणना का डाटा रिलीज होने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा “रिपोर्ट में कुछ नयापन नहीं है। जो अनुमान था वही है। आप जो बता रहे हैं वह लगभग सबको पता है… इसमें जब तक पिछड़े लोगों के क्षेत्र के हिसाब से कुछ विस्तृत आता है तब पता चलेगा कि गणना की सच्चाई क्या है? बिहार का कितना कल्याण और उत्थान हुआ? चुनाव के समय अब यह कौन सा चमत्कार करेंगे यह हर समाज के लोग समझते हैं। इनके पास ना वीजन, ना नीति और ना ही नियत है।”
रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जनगणना क्या रिपोर्ट है यह देख कर बताएंगे। सवाल है कि ओबीसी की बात करने वाले अपनी राजनीति को परिवारवाद से आगे निकालेंगे क्या ? इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी उसके बाद सोनिया गांधी फिर राहुल गांधी। बिहार में लालू के बाद राबड़ी और अब तेजस्वी यही तो इनका फार्मूला है।
गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया
बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि “जातीय जनगणना बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है। नीतीश कुमार के 15 साल और लालू यादव के 18 साल के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों का क्या उद्धार किया, कितने लोगों को नौकरी दी। यह रिपोर्ट भ्रम के अलावा कुछ नहीं।”
जीतन राम मांझी की मांग
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम(सेक्युलर) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने X(पूर्व में ट्वीटर) पर लिखा “बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ चुकी है।सूबे के SC/ST,OBC,EBC की आबादी तो बहुत है पर उनके साथ हक़मारी की जा रही है। मैं माननीय नीतीश जी से आग्रह करता हूं कि राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें,वही न्याय संगत होगा”