जाति आधारित गणना पर रोक लगाने वाली याचिका पर आज एक बार फिर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार और पटना हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से अधिवक्ता पीके शाही ने अपना -अपना पक्ष रखा। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कल यानी 4 मई को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने आज सुनवाई की।कोर्ट ने ये जानना चाहा कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा है कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं।साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या। जिसके बाद सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट में दलील दी गई कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र के बाहर है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होनें ने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। दूसरी तरफ दूसरी तरफ राज्य सरकार के अधिवक्ता पीके शाही ने दलील दी कि जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण किया कराया जा रहा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख दिया है। अब कल ही ये फैसला होगा कि जातीय आधारित गणना पर रोक लगेगी या नहीं।