बिहार में जातिगत जनगणना की शुरुआत बीते दिन 7 जनवरी से हो चुकी है। जो दो चरणों में होनी है। इसकी शुरुआत को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है। पहले इस बात को लेकर बहसबाजी होती थी की जातिगत जनगणना सही है या नहीं। लेकिन जनगणना शुरुआत होने के बाद क्रेडिट को लेकर होड़ मची हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहे। वही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इसका श्रेय लेते दिखे। इन सब के बीच भाजपा भी क्रेडिट बटोरने की होड़ में शामिल हुई।जिसका करारा जवाब जेडीयू की तरफ से दिया गया है।
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BJP का दावा
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा हमेशा जातीय जनगणना के पक्ष में रही और 2 जून 2022 को बिहार में जातीय जनगणना कराने का कैबिनेट का फैसला भी उस सरकार का था, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री भाजपा के थे। महागठबंधन को इसका श्रेय लूटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जातीय जनगणना कराने का फैसला जिस एनडीए सरकार ने किया, उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव डिप्टी सीएम नहीं थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में जब सामाजिक, आर्थिक और जातीय आधार पर जनगणना कराने पर संसद में चर्चा हुई, तब भी भाजपा ने इस मांग का समर्थन किया था कर्नाटक और तेलंगाना के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां भाजपा के समर्थन से जातीय जनगणना शुरू हो रही है।
नीतीश-तेजस्वी से सवाल
सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बतायें कि जब जातीय जनगणना शुरू कराने देने का फैसला जून 2022 में हुआ था, तब यह काम सात महीने देर से जनवरी 2023 में क्यों शुरू कराया जा रहा है? श्रेय लेने वालों को इसका जवाब देना चाहिए । निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित विशेष आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजानिक नहीं की गई। क्या सरकार गारंटी देगी कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजानिक की जाएगी ? उन्होंने आगे कहा कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएँगे और गणना की प्रक्रिया क्या होगी, इसकी जानकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
JDU ने दिया करारा जवाब
सुशील कुमार मोदी के बयानों पर जेडीयू की तरफ से भी पलटवार किया गया। जेडीयू की तरफ से जेडीयू उपाध्यक्ष और एमएलसी संजय सिंह ने मोर्चा संभाला। यदि बिहार भाजपा के नेता जाति आधारित गणना के समर्थन में है तो उसे थोड़ी सी हिम्मत दिखानी चाहिए और केंद्र सरकार से अपील करनी चाहिए की पुरे देश में जतिगत जनगणना कराई जाए। संजय सिंह ने आगे कहा कि जतिगत जनगणना कराने का फैसला जरूर पिछली सरकार का था, लेकिन भाजपा के लोगों का फैसला मजबूरी का था।