बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत तो खुब हुई। आखिरकार बिहार सकरा ने इसे करने का फैसला लिया। बिहार में जातिगत जनगणना की शुरुआत बिहार में 7 जनवरी से हो गई है। जिसे दो चरणों में कराया जाना है। जिसकी जिम्मेवारी सरकारी शिक्षकों को दी गई है। जो घर-घर जाकर डाटा इकट्ठा करने में लगे हुए हैं। लेकिन इस काम में भी कुछ शिक्षक लापरवाही बरतते दिख रहे है। वे इस अभियान से कन्नी कटाने के फिराक में हैं। जिसे लेकर सरकार की तरफ से एक्शन लिए जाने की भी तैयारी चल रही है। जातिगत जनगणना से दूरी बनने वाले शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई होगी।
बिहार में जातिगत जनगणना शुरू, दो चरणों में ऐसे होगी गणना
ड्यूटी से नदारत होने पर होगी कार्रवाई
जातिगत जनगणना के लिए लगाए गए शिक्षक यदि नदारद रहे तो उनपर सरकार कार्रवाई करेगी। इस बात की जानकारी पटना डीईओ ने सभी बीईओ को पत्र लिख कर दी है। जिसमें बीईओ को उन शिक्षकों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा गया है, जिनकी ड्यूटी जातिगत जनगणना में लगाए जाने के बाद वो काम पर नहीं आ रहे। इस लिस्ट के अधर पर ही लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। बता दें कि 7 जनवरी से जारी जातिगत जनगणना में अबतक 300 ऐसे शिक्षक है जिन्हें ड्यूटी पर लगाया जाने के बाद भी उन्होंने काम नहीं किया। पटना डीईओ अमित कुमार ने बताया कि इन सभी शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
पटना के DM का औचक निरिक्षण
राजधानी पटना में भी जातिगत जनगणना को लेकर प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट पर है। बीते दिन सोमवार को पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने औचक निरिक्षण कर जातिगत जनगणना का जायजा लिया। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने फुलवारीशरीफ प्रखंड के गोनपुरा, नौबतपुर प्रखंड के गोपालपुर और दानापुर प्रखंड के लखनी बीघा गांव में जाकर वहां चल रही जातिगत जनगणना का औचाक्ल निरिक्षण किया। उन्होंने कर्मचारियों से कम करने में हो रही परेशानियों के बारे में पूछा साथ ही कम सही से हो रहा या नहीं इस बात की भी जानकारी ली।