बिहार की महागठबंधन सरकार में खटपट की खबरें सामने आती रहती है। सरकार बनने से अब तक के राजनीतिक घटनाक्रम को देखे तो कई ही ऐसे मौके हुए जब महागठबंधन में सबकुछ ठीक ना होने की झलक दिखी। ताजा मामला राजद कोटे से शिक्षा मंत्री बने प्रोफेसर चंद्रशेखर के विवादित बयान से जुड़ा है। जिसमें उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। इस बयान को लेकर महागठबंधन के अंदर ही सहमति नहीं बन पा रही है। एक और जेडीयू शिक्षा मंत्री पर कर्रवाई किए जाने की मांग कर रही है।
वहीं दूसरी ओर राजद ने शिक्षा मंत्री के समर्थन में मोर्चा खोल रखा है। इन सब के बीच विपक्ष को बैठे-बिठाए महागठबंधन पर हमला बोलने का मौका मिला है जिसे वो भरपूर भुना भी रही है। इस कड़ी में नया नाम केन्द्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस का जुड़ गया है। वो महागठबंधन में खटपट को लेकर एक अलग ही वजह बटने में लगे हुए हैं।
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‘शुभ मुहर्त में नहीं हुआ शपथ ग्रहण’
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने महागठबंधन में चल रहे खटपट को लेकर खुब चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जिस समय महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण हुआ वो समय शुभ नहीं था। इसलिए सरकर बनने के दूसरे-तीसरे दिन ही कानून मंत्री पर हत्या के गंभीर आरोप लगे, बाद में उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा। फिर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने अपने ही विभाग के सभी अधिकारियों को चोर बता दिया साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी खुब बोलने लगे, जिसका परिणाम ये हुआ कि उन्हें कृषि मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। मतलब अभी तक दो विकेट गिर चुके हैं। नया मामला शिक्षा मंत्री से जुड़ा हुआ आया है। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री के रूप में जल्द ही महागठबंधन का तीसरा विकेट भी गिरेगा।
शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करे नीतीश
शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर पर भी केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने निशाना साधा। उन्होंने खा कि शिक्षा मंत्री ऐसे को बयाना जाता है जो बहुत विद्वान हो पर बिहार के शिक्षा मंत्री अज्ञानी हैं। उन्हें रामायण और महाभारत का भी ज्ञान नहीं है। शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को लेकर जो बयान दिया है है वो बिलकुल भी तिलक नहीं है उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। इससे समाज में गलत मैसेज गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मंत्री पड़ पर बने कराहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दें।