बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव ने रामचरितमानस को लेकर तीन दिन पहले बयान दिया। जिस दिन बयान आया, उसी दिन से विरोध शुरू हो गया। लेकिन शुक्रवार को उनकी पार्टी राजद उनके सपोर्ट में आ गई। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने साफ कहा कि पार्टी चंद्रशेखर के साथ है। तो राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी न सिर्फ चंद्रशेखर के समर्थन में आए बल्कि रामायण को लेकर ही विवादास्पद टिप्पणी कर दी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खुले समर्थन ने चंद्रशेखर के तेवरों को और तीखा बना दिया है। चंद्रशेखर पहले भी अपने बयान पर अडिग होने की बात कर रहे थे, अब उन्होंने साधु-संतों को भी निशाने पर ले लिया है।
चंद्रशेखर को शिवानंद का समर्थन, कहा- रामायण में है कूड़ा-करकट
शिक्षा मंत्री के समर्थन में उतरे जगदानंद, कहा RJD का है पूरा सहयोग
साधु-संतों के खिलाफ खोला मोर्चा
मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि वे किसी से नहीं डरते। फतवा जारी करने वाले साधु-संतों से तो बिल्कुल नहीं डरते। आसाराम का उदाहरण देते हुए चंद्रशेखर ने मीडिया से कहा कि कौन साधु-संत, जिनका अपना चरित्र ही नहीं होता। माफी मांगने की बात पर उन्होंने आगे कहा कि उनसे माफी मांगे जिन्हें मैट्रिक पास से सीखना पड़ेगा। मैं तो MA पास हूं। चंद्रशेखर ने कहा कि आसाराम का चरित्र उजागर हो गया तो कानून के शिकंजे में आ गए। लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनका मामला दबा हुआ है। समय आने पर उन सब का चरित्र उजागर हो जाएगा।
कुछ चौपाई छोड़कर पढ़ता हूं सुंदर कांड
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि मैं भी सुंदरकांड पढ़ता हूं, लेकिन कुछ चौपाईयों को छोड़ देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि हम भी कृष्णवंशी हैं। किसी फतवे से नहीं डरते। अगर जीभ काटने का इतना ही हौसला रखते हैं, तो देश के किसी भी कोने में बुला लें। हम हर चीज का मुंहतोड़ जवाब देने वाले वंश से ताल्लुक रखते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा समाजवाद और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहेंगे जिस तरीके से लालू प्रसाद यादव कर रहे हैं।