आज यानि10 अक्टूबर मंगलवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जय प्रकाश विश्वविद्यालय के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस आयोजन के मुख्य अतिथि बिहार विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी थे। वही मुख्य वक्ता चिंतक और लेखक शिवदयाल जी, विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार विधान परिषद के सदस्य केदारनाथ पांडेय, भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल, अनुग्रह नारायण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. शशि प्रताप शाही और जे. पी.सेनानी कृष्ण कुमार और प्रकाश चंद्र गुप्ता उपस्थित थे।
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“जय प्रकाश नारायण आज़ादी के सच्चे नायक थे”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण आज़ादी के सच्चे नायक थे। वे समरस समाज के निर्माण के प्रति आस्थावान थे। आज़ादी के बाद देश में राजनैतिक बदलाव के भी वाहक बनें। वे राजनीति में मूल्यों की पवित्रता और मूल्य आधारित राजनीति के प्रबल आकांक्षी थे। उन्होंने महापुरुषों की जयंती के उद्देश्य को भी सविस्तार समझाया। उन्कहोंने कहा कि शिक्षा के बिना सम्पूर्ण क्रांति का लक्ष्य अधूरा है, इसलिए सभी सरकारों को शिक्षा और किसानों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।
“मनुष्य को मनुष्य बनें रहने के लिए जेपी हमारे आदर्श”
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे बिहार विधान परिषद के सदस्य और निवेदन समिति के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने कहा कि जेपी की जयंती मनाकर विश्वविद्यालय ने बड़ा कार्य किया। बुद्ध और तुलसी के बाद लोकनायक जेपी बनें यह जेपी के लिए महनीय उपलब्धि थी। जेपी के लिए मनुष्य होना सबसे बड़ी बात थी। इसलिए आज भी मनुष्य को मनुष्य बनें रहने के लिए जेपी हमारे आदर्श हैं। इंदिरा गांधी के वैचारिकी के ख़िलाफ़ होते हुए भी व्यक्तिगत स्तर पर साम्य भाव रखते थे, यही उनके व्यक्तित्व की उपलब्धि है।