छठ महापर्व की कल से शुरुआत हो रही है। कल नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का पर्व शुरू हो जायेगा। घाटों पर अर्घ्य देने के मद्देनजर, तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। राजधानी पटना के विभिन्न घाट और तालाबों का जिला अधिकारी ने निरीक्षण किया। पटना जिला अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पटना शहरी क्षेत्र में गंगा घाट के अलावा लगभग 63 तालाब हैं। उसके अलावा 45 पार्क हैं, जिसमें छठ की व्यवस्था की गई है। मुख्य रूप से बड़े तालाब का आज निरीक्षण किया गया है। व्यवस्था अच्छी है, मुख्य चुनौती हम लोगों का प्रबंध का रहेगा। लोग आराम से आए और चले जाएं। वाहन को निश्चित दूरी पर ही रोका जाएगा। पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। सभी तालाब पर मजिस्ट्रेट और पदाधिकारी को तैनात किया गया है। नदी तट पर भी मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।
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पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि हम लोग तालाब का निरीक्षण कर रहे हैं। सुरक्षा को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद द्वारा बताया गया है, उस पर भी काम हुआ है। जहां बैरिकेडिंग की जरूरत है उस पर भी काम हुआ है। घाट पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम की भी तैनात की गई है। लोगों से अपील है कि प्रशासन ने जो एडवाइजरी जारी किया है उसका पालन करें। पार्किंग स्थल पर ही गाड़ी को पार्क करें। आने-जाने में संयम रखेंगे। सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई है। हम लोगों को पूर्ण विश्वास है बहुत अच्छे तरीके से लोग फेस्टिवल को मनाएंगे।
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इधर, दानापुर, बिहटा, मनेर, और नौबतपुर के घाटों पर सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अनुमंडल प्रशासन ने विभिन्न घाटों का सर्वेक्षण किया, जिसमें दानापुर में 20, मनेर में 10, बिहटा में 6 और नौबतपुर में 3 खतरनाक घाटों की पहचान की गई है। इन स्थानों पर विशेष सावधानी बरतते हुए गोताखोरों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके।
इसके अलावा, बिहटा एयरफोर्स स्टेशन के पास छठ घाट के समीप एक तेंदुआ दिखाई देने की सूचना मिलने पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन द्वारा वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ट्रैप का इस्तेमाल कर तेंदुए को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने हर संभव कदम उठाए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के पर्व मना सकें।