बिहार में सत्ता चला रहे JDU और RJD के खिलाफ चिराग पासवान लगातार गोलबंदी कर रहे हैं। Chirag Paswan गोपालगंज और कुढ़नी में भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन देकर JDU और RJD को झटका दे चुके हैं। अब बिहार के बाहर भी इन दोनों पार्टियों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं चिराग पासवान। दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने नागालैंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी का फैसला है कि जिन विधानसभा सीटों पर BJP के उम्मीदवार होंगे, उस सीट पर पार्टी अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
नीतीश की JDU को झटका दे चुके हैं चिराग
चुनाव में उतरने से पहले चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की पार्टी JDU को बड़ा झटका पहले ही दे दिया है। जनता दल यूनाइटेड की नागालैंड इकाई के राज्य एवं जिला कार्यकारिणी के सदस्यों ने बड़ी संख्या में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जदयू छोड़ने वाले नेताओं में पार्टी के महासचिव (राज्य) किटोहो एस. रोटोखा सहित कई राज्य सचिव, विभिन्न जिलों के अध्यक्ष, युवा विंग के अध्यक्ष, सचिव शामिल हैं।
अलग अलग लड़ रहे JDU और RJD
नागालैंड विधानसभा चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है। बिहार की सत्तारुढ़ प्रमुख पार्टियों JDU और RJD ने भी नागालैंड में चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। संभावना जताई जा रही थी कि दोनों पार्टियां वहां साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। लेकिन अभी तक बिहार के महागठबंधन में शामिल दलों ने नागालैंड में गठबंधन नहीं बनाया है। इधर, राजद ने अपना पहला प्रत्याशी घोषित कर दिया है। नागालैंड की सनीस विधानसभा सीट से सेंकथुंग जैमी राजद के प्रत्याशी होंगे। ऐसे में चिराग पासवान की नागालैंड में एंट्री से राजद और जदयू दोनों को नुकसान होगा।
चिराग की एंट्री से BJP को फायदा
दरअसल, चिराग की एंट्री का फायदा सीधे BJP को मिलेगा। भाजपा नागालैंड चुनाव को सीरियसली लेती है और इसका फायदा उसे पिछले चुनाव में मिला भी। 2013 में हुए चुनाव में भाजपा का सिर्फ एक विधायक नागालैंड में जीता था। लेकिन 2018 में भाजपा के 12 विधायक जीते। नागालैंड की 60 सीटों में से 20 पर भाजपा ने उम्मीदवार खड़े किए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान के लिए बड़ा स्पेस मिलेगा।