मकर संक्रांति के मौके पर एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आज पटना में पार्टी कार्यालय पर दही चूड़ा का आयोजन किया था। इसके लिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार समेत तमाम बड़े नेताओं को न्योता भेजा था। लेकिन जब सीएम नीतीश उनके पार्टी कार्यालय पर पहुंचे तो चिराग पासवान वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद सीएम नीतीश बिना दही-चूड़ा चखे ही वहां से लौट आए।
नीतीश कुमार तो लालू परिवार का हिस्सा, मीसा भारती ने कहा- खरमास के बाद शुभ कार्य
वहीं जब बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान लोजपा रामविलास पार्टी ऑफिस दही-चूड़ा भोज में पहुंचे तो खुद चिराग पासवान ने उनका स्वागत किया। अब इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। नीतीश कुमार के स्वागत में मौजूद नहीं रहने पर अब चिराग पासवान की सफाई सामने आई है। चिराग ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की व्यस्तता का हम सम्मान करते हैं। वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और सबको सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश के आने की जब उनको खबर मिली तब वह पूजा पर बैठे हुए थे इसीलिए उनका तुरंत आना संभव नहीं था। चिराग ने कहा कि आज मकर संक्रांति का त्योहार है और वह पूजा-पाठ में विश्वास रखते हैं। इसके साथ ही चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आए यह बहुत बड़ी बात है। उन्होंने आकर अपनी शुभकामना दी यह हमारे लिए मेरी पार्टी के लिए हमारे तमाम कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी बात है।
‘दही-चूड़ा को न बनाएं राजनीतिक त्योहार’
वहीं मीसा भारती के बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि त्योहारों की भावना को त्योहार तक ही सीमित रखना चाहिए। बिहार में मकर संक्रांति को राजनीतिक त्योहार बना दिया गया है। दही-चूड़ा को राजनीतिक त्योहार बना दिया गया है और जब मकर संक्रांति आता है तो खेल होगा… खेला होगा… क्या बिहार में और कुछ नहीं बचा है। चिराग ने कहा कि त्योहार के मौके पर तमाम दल के साथी एक साथ हैं, इससे ज्यादा अच्छा और क्या हो सकता है।
चिराग पासवान ने कहा कि मकर संक्रांति के बाद एनडीए के पांचों घटक दल एक साथ मिलकर जनता के बीच जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी की सोच वाली डबल इंजन की एनडीए सरकार एक बार फिर से बिहार में बनने जा रही है।