तेजस्वी यादव द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रधानमंत्री ने ही चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बंगले को खाली करवाया उनको बेघर किया, इसके जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि नई पीढ़ी के जो नेता हैं वह दलगत राजनीति से हटकर निजी बातों को बोलते हैं। उनके पिताजी (लालू प्रसाद यादव) जब मेरे पिताजी का निधन हुआ था तो काफी प्रशंसनीय बात की थी जो की एक नेता के रूप में ना देख कर परिवार के रूप में देखा जा सकता है। लेकिन आज के युवा नेता जो भी कहते हैं उनको कम से कम या सोचना चाहिए कि वह किस विषय पर कह रहे हैं।
पिता जी पर ध्यान देते थे पीएम मोदी
पटना एयरपोर्ट पर आज वाराणसी रवाना होने से पहले चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे पिताजी जब राजनीति में थे उस समय भी उन पर ध्यान देते थे। और जब बीमार पड़ गए तब वह अस्पताल में भी मेरे पिताजी के बारे में बार-बार फोन करके जानकारी लेने का काम किया करते थे। निधन के बाद पिताजी के बारे में सबसे पहले प्रधानमंत्री ने ही फोन करके जानकारी ली। अंतिम संस्कार के समय भी प्रधानमंत्री जी द्वारा ही उन्हें राज्य में सर्वोच्च सम्मान देते हुए अंतिम विदाई की गई, सलामी दी गई। जो लोग प्रधानमंत्री जी के बारे में ऐसा बोल रहे हैं उनको सोचना चाहिए।
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क्या कहा तेजस्वी ने
बता दें कि लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहते हैं। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई बार बोल चुके हैं कि रामविलास पासवान अंतिम समय तक बीजेपी के साथ खड़े रहे। लेकिन बीजेपी ने ‘हनुमान’ के बंगले में ही आग लगा दी। यह बीजेपी को समर्थन करने का परिणाम है। उन्होंने पहले ही पार्टी को तोड़ दिया और नेताओं को अलग कर दिया।
सरकार ने खाली कराया था बंगला
बताते चलें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद सरकार ने लोकसभा सांसद चिराग पासवान को उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले से बेदखल करने के लिए एक टीम भेजी थी। तब चिराग पासवान ने कहा था कि मैं जिस चीज का अधिकारी नहीं हूं, वह मुझे मिल भी नहीं सकता है और मैं जबरन रख भी नहीं सकता हूं। उन्होंने कहा था कि हां वैसे जिस तरीके से मुझे घर छोड़ना पड़ रहा है, उस तरीके पर मुझे थोड़ी आपत्ति जरूर है। मेरे पिताजी के समय से ही उनके साथ काम करने वाले करीब 100 लोग यहां रहते हैं। बाद में पारिवारिक विभेद के कारण रामविलास की पार्टी के भी दो भाग हो गए।