यूपीएससी में लेटरल एंट्री (UPSC Lateral Entry) से नियुक्ति पर सियासत होने के बाद संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री से अपॉइंटमेंट को लेकर आदेश रद्द कर दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। कहा जा रहा है कि PM मोदी के कहने पर यह फैसला बदला गया है। इस सबके बाद भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान सामने आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है।
चिराग पासावान ने पटना में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि मेरे प्रधानमंत्री मोदी जी ने एससी/एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को समझा। मेरी पार्टी एलजेपी (रामविलास) और मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं”। उन्होंने आगे कहा, जब से लेटरल एंट्री का मुद्दा मेरे संज्ञान में आया, मैंने इसे विभिन्न स्थानों पर संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया।
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उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे को लेकर एससी/एसटी और पिछड़ों की चिंताएं प्रधानमंत्री के सामने रखीं। पिछले दो दिनों से मैं पीएम और उनके कार्यालय के संपर्क में हूं”। चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मेरे साथ गहन विचार-विमर्श किया और मैंने संबंधित दस्तावेज उनके कार्यालय में जमा किए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रकार की सरकारी नियुक्तियों में सरकार द्वारा आरक्षण के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
यूपीएससी के किस फैसले पर छिड़ी सियायत
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों के लिए आवेदन मांगा था।
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इसकी आलोचना करते हुए चिराग ने कहा था कि इस मुद्दे पर हमारी पार्टी का रुख साफ है। हम कतई इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्राविधानों का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह मामला प्रकाश में आया है, वह उनके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है और इन मुद्दों को सामने लाने के लिए उनके पास मंच है।