बिहार में मकर संक्रांति भोज के राजनीतिक मायने दूर तक जाते हैं। कई बार राजनीतिक रिश्ते इसी भोज में बनते हैं तो कई बार बिगड़ते भी हैं। इस बार मकर संक्रांति भोज में नीतीश कुमार की बोहनी खराब हो गई। दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मकर संक्रांति के अवसर पर पटना स्थित पार्टी कार्यालय में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया। इस भोज में एनडीए गठबंधन के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, इस खास मौके पर भोज के मेजबान चिराग पासवान खुद उपस्थित नहीं हुए, जिससे बिहार की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग पासवान के निमंत्रण पर भोज में शामिल होने के लिए तय समय पर पहुंचे। उनके साथ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संस्थापक और चिराग पासवान के पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। हालांकि, चिराग पासवान की अनुपस्थिति ने सभी को चौंका दिया।
चिराग पासवान की गैरमौजूदगी के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भोज में थोड़ी देर रुकने के बाद वहां से रवाना हो गए। इस मौके पर बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी नजर नहीं आए।