केंद्रीय मंत्री और सांसद चिराग पासवान ने बीते मंगलवार (26 नवंबर) की शाम पटना में पत्रकारों से बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 को लेकर अपना लक्ष्य बताया। उन्होंने गठबंधन के अंदर सीटों के बंटवारे को लेकर भी बड़ी बात कह दी। चिराग पासवान ने कहा, “अगले साल जो बिहार विधानसभा का चुनाव होना है, सीटों की संख्या गठबंधन के भीतर ही तय होंगी, उससे पहले मैं कतई साझा नहीं कर सकता हूं, लेकिन जितनी सीटों पर लड़ेंगे 100 परसेंट स्ट्राइक रेट उसमें भी रहे यही लक्ष्य मेरा और मेरी पूरी टीम का है।”
चिराग ने कहा कि हम लोग मानते हैं कि 100 परसेंट स्ट्राइक रेट के साथ अभी तक आगे बढ़ते जा रहे हैं। बिहार से पहले दिल्ली में भी चुनाव होने हैं। अगर उसमें भी मौका मिला तो हम लोग यही स्ट्राइक रेट बरकरार रखना चाहेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने अपने संगठन के तमाम साथी जो बिहार या झारखंड में हैं उनको धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आज मेरे पिता, मेरे नेता रामविलास पासवान के उस सपने को इन लोगों ने पूरा किया है जहां उनकी चाहत थी कि लोक जनशक्ति पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक झारखंड की विधानसभा में भी हों। हम लोगों ने 2014 में भी एनडीए गठबंधन में एक सीट शिकारीपाड़ा से चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।”
2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में एक सीट पर मिली जीत को लेकर चिराग ने कहा, “मुझे खुशी है कि गठबंधन के तहत चतरा में एक सीट हम लोगों को चुनाव लड़ने का मौका मिला और उस सीट को एक बड़े मार्जिन से लगभग 19 हजार के वोटों के अंतर से जनार्दन पासवान ने जीतने का काम किया। इससे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की उपस्थिति एक और राज्य में हो गई। बिहार में जहां पांच सांसद हैं वहीं नागालैंड में हमारे दो विधायक हैं। अब झारखंड में भी एक विधायक हैं। जिस टीम को ये प्रभार मिला था उसे ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भी जिम्मेदारी दी गई है।”
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इसके अलावा चिराग पासवान ने संविधान को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष, मुख्यतौर पर कांग्रेस दल भी शामिल है। कांग्रेस और उनके साथियों को संविधान पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक कारण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 1975 में कांग्रेस द्वारा आपातकाल लागू किया गया था और संविधान की हत्या करने का काम किया था। चिराग पासवान ने कहा कि आज जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बाबा साहेब को सम्मान देने का काम किया गया, उनसे जुड़े जितने भी स्थल हैं उनको विकसित कर कर उन्हें पंच तीर्थ के तौर पर विकसित करने और बाबा साहेब को सम्मान देने का काम किया है। ऐसा आजतक कांग्रेस ने नहीं किया है।