बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिले के सीजेएम कोर्ट में परिवाद (केस) दायर किया गया है। स्कूल में उपस्थिति को लेकर हाल में केके पाठक द्वारा दिए गए बयान से शिक्षकों में काफी रोष है। केके पाठक ने नीतीश कुमार की घोषणा के बावजूद शिक्षकों के स्कूल टाइमिंग में कोई परिवर्तन न करते हुए समय को पूर्ववत और यथावत रखा तथा वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये अपना फरमान सुनाने के क्रम में अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए शिक्षकों के खिलाफ अपशब्द भी बोले। इस बात से शिक्षकों का संघ काफी नाराज़ है। नतीज़तन यह मामला अब कोर्ट पहुँच चुका है। शिक्षकों की भावनाएं आहत होने को लेकर विनोद कुमार ने अपने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के माध्यम से केके पाठक के खिलाफ परिवाद दायर किया है। उक्त मामले में सुनवाई 4 मार्च को होगी।
इस मामले में आईपीसी की धारा 504 और 506 के तहत कोर्ट में आईएएस के के पाठक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिसमे आरोप लगाया गया है कि बीते दिनों अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के के पाठक के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी शिक्षकों को 9:15 में स्कूल में आने को लेकर अब मर्यादित टिप्पणी की गई थी, जिसको लेकर शिक्षकों की भावनाएं आहत हुई। बता दें कि इस दौरान केके पाठक ने कई अपशब्दों का भी प्रयोग किया। इस बात को लेकर परिवादी विनोद कुमार ने अपने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के माध्यम से मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी की कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है। और जिसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 4 मार्च 2024 को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है। परिवाद में भारतीय दंड विधान आईपीसी की धारा 504 और 506 का हवाला देते हुए कार्रवाई की मांग कोर्ट से किया है।