साल 2022 के आखिरी में सीएम नीतीश कुमार सहित बिहार सरकार के तमाम मंत्रियों ने अपने संपति ब्यौरा पब्लिक डोमेन में रखा था। तभी से इस संपत्ति ब्यौरे को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। दरअसल इस संपत्ति ब्यौरे के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार के पास 75.53 लाख रुपए की कुल संपत्ति है। वही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कुल संपत्ति 5.27 करोड़ है। जबकि कई मंत्रियों की कुल संपत्ति मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों से अधिक है।
भाजपा इस ब्यौरे को गलत बता रही है। उसका आरोप है कि ये फर्जी आकड़ा बिहार के जनता के सामने पेश कर बिहार सरकार उनको बरगला रही है। यह एक तरह से खानापूर्ति है। साथ ही भाजपा ये भी सवाल खड़ा कर रही है कि जो व्यक्ति पिछले 17 साल से मुख्यमंत्री है उसकी कुल संपत्ति इतनी कम कैसे हो सकती है? भाजपा के तमाम आरोपों को लेकर आज राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने करारा हमला बोला है।
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केन्द्रीय मंत्री भी दें संपत्ति का ब्यौरा
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि बिहार के सभी मंत्रियों ने इमानदारी पूर्वक अपना संपत्ति का ब्यौरा दिया है । भारत सरकार के किसी मंत्री ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा क्यों नहीं दिया है? देश में एक परंपरा है एक कानून है सभी को संपत्ति का ब्यौरा विवरण देना होता है। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को भी पाने टारगेट पत्र लिया। उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी को प्रधानमंत्री मोदी से संपत्ति के बारे में पूछना चाहिए।
अगर संपत्ति की जानकारी देने वाला कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी देता होता तो उसके लिए कोर्ट है । यदि भाजपा को लगता है कि गलत जानकारी दी गई है तो केस दर्ज कराए। अगर गलत जानकारी दी गई होगी तो कार्रवाई होगी। जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि भजपा का इस तरह का बड़बोलापन अच्छा नहीं है। भाजपा को पहले जवाब देना चाहिए कि जो व्यापारी देश की संपत्ति लूट कर भाग गए है उन्हें वापस ललेन वाले वादे का क्या हुआ?