पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में आयोजित 04 दिवसीय राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेले का (एग्रो बिहार-2024) का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेले का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान विभिन्न राज्यों से आए कृषि यंत्र निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों ने यंत्र के उपयोग एवं इससे मिलनेवाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रदर्शनी में लगाए गए नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, विभिन्न नर्सरी, आधुनिकतम फसल के बीजों, कृषि विभाग की योजनाओं, क्रियाकलापों आदि के बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तृत जानकारी ली।
पहले कोई खेती होता था, याद करिए न.. भूलाइएगा मत… कृषि विभाग के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम नीतीश
ज्ञातव्य है कि कृषि विभाग द्वारा 29 नवम्बर से 2 दिसम्बर, 2024 के बीच चार दिवसीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला पूर्वी भारत का सबसे बड़ा यांत्रिकरण मेला है। वर्ष 2011 से हर वर्ष कृषि यांत्रिकरण मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी एवं मेले में 125 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं। इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ एवं कृषि व्यवसाय से जुड़े उद्यमी भी मेले में भाग ले रहे है। प्रतिदिन राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को सरकारी खर्च पर मेला भ्रमण की व्यवस्था की गयी है। मेले में प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र एवं उनके रख-रखाव के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कृषि विभाग की योजनाओं / क्रियाकलापों के बारे में प्रदर्शनी लगायी गयी है। आधुनिक कृषि में कृषि यंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। अत्याधुनिक कृषि यंत्रों को व्यवहार में लाये जाने से छोटे किसानों को खेती के काम करने में बहुत सहूलियत होती है।
कृषि यांत्रिकरण योजना बिहार के सभी जिलों में लागू है जिसके अन्तर्गत खेत की जुताई, बुआई, निकाई, गुराई, सिंचाई, फसल की कटाई, इत्यादि कार्यों के लिए 110 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए उन पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। सरकार द्वारा जीविका समूह एवं प्रगतिशील किसान समूह को कृषि यंत्र उपलबध कराने के लिए ‘कृषि यंत्र बैंक’ योजना चलाई गयी है, जिसके अन्तर्गत 10 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।
वर्ष 2008 से ही राज्य में कृषि रोड मैप बनाकर कृषि विकास कार्यक्रम चलाये गये, जिससे फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई। राज्य में धान, गेहूँ एवं मकई की उत्पादकता पहले के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गयी है। साथ ही दूध, अंडा, मांस एवं मछली उत्पादन में काफी वृद्धि हुयी है। मछली का उत्पादन ढाई गुना से अधिक हो गया है जिससे मछली के उत्पादन में बिहार लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। वर्तमान में चौथे कृषि रोड मैप (2023 से 2028) का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है, जिसमें कृषि प्रक्षेत्र के समग्र विकास हेतु लगभग 1 लाख 62 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गयी है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न लाभुकों के बीच सांकेतिक रुप से कृषि यंत्रों का वितरण किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री मंगल पांडे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षकराजीव मिश्रा सहित कृषि विभाग के अन्य वरीय अधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिक विशेषज्ञ, कृषि व्यवसाय से जुड़े उद्यमी एवं विभिन्न कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि यात्रिकरण मेले का आयोजन बहुत पहले से हमलोग करा रहे हैं। नवंबर 2006 में सरकार में आने के बाद से कृषि क्षेत्र के विकास एवं किसानों के हित के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। किसानों के हित के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। हमलोगों के सरकार में आने के पहले किसानों एवं कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। हमलोगों ने राज्य में कृषि रोड मैप बनाया और कृषि विकास कार्यक्रम चलाये गये, जिससे फसलों, फलों एवं सब्जियों के मैं के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। प्रदर्शनी में लगाए गए कृषि यंत्रों और कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं और क्रियाकलापों के बारे में जो जानकारी दी गई है उसको सभी लोग देखें और समझें।
वहीं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जो कृषि मेला लगा है उसमें आप देख रहे हैं किसानों के लिए किस तरीके से सरकार काम कर रही है। हमारी सरकार राज्य में कर रही है, और केंद्र की मोदी सरकार केंद्र से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को 50% के छूट पर यहां यंत्र मिल रहा है। आप देख लीजिए किस तरीके से बिहार में महिला सशक्तिकरण के लिए काम हुआ है। उन्होंने कहा कि हम लोग किसानों की भलाई के लिए तत्पर हैं। लगातार किसानों के लिए हम लोग काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस बात को लेकर आगे भी देखेगी कि किसानों के लिए क्या-क्या और कार्यक्रम बनाया जाए।