बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट तो पहले ही दो अक्टूबर को जारी कर दी गई थी। मंगलवार को बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार सरकार ने इस गणना के आर्थिक आंकड़ों को भी जारी कर दिया। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार आरक्षण का दायरा बढ़ाने की दिशा में आगे चल रही है। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सरकार का यह बड़ा दांव माना जा रहा है। नीतीश कुमार ने राज्य में आबादी के अनुपात में आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव रखते हुए लिमिट को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य में ओबीसी वर्ग को आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। इसलिए आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को खत्म किया जाए और कोटा की सीमा 65 फीसदी तक हो। साथ हीआर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण को नए लिमिट 65 फीसदी से अलग रखने की बात सीएम ने की। यानि आरक्षण का दायरा 75 फीसदी करने की दिशा में बिहार सरकार आगे बढ़ रही है।