बिहार में सरकारी अधिकारियों और अफसरों के लापरवाही की आय दिन आती रहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकर पर भी अफसरशाही को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहता है। लेकिन अब जब अधिकारियों की लापरवाही की शिकायतें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंची तो उन्होंने बड़ा एक्शन ले लिया है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सख्त रुख आपनाया है। बिहार के 9 सीओ जिपर लापरवाही करने का आरोप था उन्हें सस्पेंड सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं 10 अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की गई है। सरकार की तरफ से ये साफ किया जा चुका है की सस्पेंडेड सीओ पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है। आरोप की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दिखाई सख्ती
जिन नौ सीओ को सस्पेंड किया गया है। उनसब पर कई मामलों में लापरवाही करने के आरोप हैं। किसी पर अतिक्रमण हटाने में लापरवाही का आरोप है, तो किसी पर अविद निर्माण या कब्जे के खिलाफ कारवाई ना करना तो किसी पर हाईकोर्ट के आदेश के अवहेलना का आरोप है। इन आरोपों के बाद ही बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए लापरवाह अधिकारियों को सस्पेंड किया है। जिसकी जानकारी खुद इस विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने दी है।
सस्पेंडेड सीओ
- विजय कुमार,सीओ, दाउदनगर
- सुनील कु. वर्मा, तत्कालीन सीओ, बिहारशरीफ
- चंदन कुमार, तत्कालीन सीओ, फुलवारी, पटना
- कुंदन लाल, तत्कालीन सीओ, गड़हनी, भोजपुर
- अमित कुमार, सीओ, ओबरा, औरंगाबाद
- उज्ज्वल कु. चौबे, सीओ, कुचायकोट, गोपालगंज
- दिनेश कुमार, तत्कालीन सीओ, काको, जहानाबाद
- विनोद कुमार चौधरी, सीओ, खिजरसराय, गया
- सुरेजश्वर श्रीवास्तव, सीओ, करगहर, रोहतास