बिहार में एमएलसी की 11 सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें सीएम नीतीश कुमार का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार, 5 मार्च को एक बार फिर एमएलसी पद के लिए नामांकन किया है। उनके साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, संतोष कुमार सुमन, श्रवण कुमार, पूर्व मंत्री अशोक चौधरी के साथ भाजपा व जदयू के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
लगातार चौथी बार MLC बनेंगे सीएम नीतीश कुमार
2005 में जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो नीतीश कुमार लोकसभा के सदस्य थे। उन्होंने सीएम बनने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया और 2006 में पहली बार विधान परिषद के सदस्य बन गए। इसके बाद 2012 और 2018 में भी नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल में विधान परिषद के रास्ते ही पहुंचे। 2024 में नीतीश कुमार लगातार चौती बार बिहार विधान परिषद के सदस्य बनेंगे।
दो चुनाव हारकर 1985 में पहली बार विधायक बने थे सीएम नीतीश कुमार
नीतीश कुमार बिहार में नौ बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। चुनावी राजनीति में उन्होंने 1977 में कदम रखा। लेकिन हरनौत विधानसभा से चुनाव हार गए। 1980 में भी नीतीश कुमार को दोबारा हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद 1985 में पहली बार नीतीश कुमार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। यह आखिरी बार था जब उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा।
नीतीश कुमार केंद्र सरकार में भी रहें मंत्री
1985 में पहली बार विधायक बने नीतीश कुमार ने उसके बाद कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा। 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में नीतीश लोकसभा चुनाव लड़े और जीते। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहले कृषि मंत्री और फिर रेल मंत्री भी रहे। लेकिन साल 2000 में उन्हें पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। हालांकि यह कार्यकाल सिर्फ 7 दिनों का रहा।