बिहार में विद्युत आपूर्ति क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से बिजली कंपनियों ने 450 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इस राशि से सारण जिले के सिताब दियारा, सीतामढ़ी के गोविंद पितौझिया और मुजफ्फरपुर के महवाल इंडस्ट्रियल एरिया में नए पावर सब स्टेशनों का निर्माण होगा। इसके अलावा, विभिन्न जिलों को जोड़ने वाली ट्रांसमिशन लाइनों को उच्च क्षमता की तारों से बदला जाएगा।
सारण जिले के सिताब दियारा: सारण स्थित रिविलगंज प्रखंड के सिताब दियारा में 33 केवी क्षमता के नए पावर सब स्टेशन की मंजूरी दी गई है। इस पीएसएस में 10 एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफॉर्मर लगेंगे। इसके साथ ही, 33 केवी और 11 केवी की नई लाइन का निर्माण भी किया जाएगा। घाघरा नदी से गुजरने वाली 33 केवी की नई लाइन के लिए सात टावर बनाए जाएंगे। इस परियोजना पर कुल 28.61 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 18.61 करोड़ रुपये का आवंटन पहले ही हो चुका है।
सीतामढ़ी जिले के गोविंद पितौझिया: सीतामढ़ी जिला स्थित रून्नीसैदपुर प्रखंड के गोविंद पितौझिया में भी नए पावर सब स्टेशन की मंजूरी मिल चुकी है। इस पीएसएस में 10 एमवीए के दो पावर ट्रांसफॉर्मर होंगे और इसके निर्माण पर 10.83 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस वित्तीय वर्ष में फिलहाल एक करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है।
मुजफ्फरपुर के महवाल इंडस्ट्रियल एरिया: मुजफ्फरपुर के महवाल इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 6.48 करोड़ रुपये की लागत से पावर सब स्टेशन के निर्माण की मंजूरी मिली है। इस पावर सब स्टेशन में पांच एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफॉर्मर लगेंगे, जिससे औद्योगिक इकाइयों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, कजरा में प्रस्तावित 185 मेगावाट के सोलर प्लांट को ग्रिड सब स्टेशनों से जोड़ने की कवायद भी शुरू हो गई है। इस परियोजना की लागत लगभग 12 करोड़ रुपये है, और इसे हवेली खड्गपुर और लखीसराय को कनेक्ट करने वाली ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ा जाएगा। चयनित एजेंसी को यह काम सात महीने में पूरा करना होगा।
बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 132 केवी की पांच ट्रांसमिशन लाइनों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। इन ट्रांसमिशन लाइनों में छपरा-एकमा-रघुनाथपुर, डेहरी-कोचस-पुसौली, पूर्णिया-धमदाहा, बेतिया-नरकटियागंज और दरभंगा-मधुबनी की लाइनों को उच्च क्षमता में बदला जाएगा। इस कार्य पर 252.19 करोड़ रुपये खर्च होंगे और कंपनी को यह कार्य आवंटन के छह माह के भीतर पूरा करना होगा।
ट्रांसमिशन कंपनी 132 केवी की 12 ट्रांसमिशन लाइनों के दोहरीकरण को लेकर 143.42 करोड़ रुपये की नई योजना पर भी जल्द काम शुरू करेगी, जिसे एक साल के भीतर पूरा करने की योजना है।